12 करोड़ से ज्यादा का बकाया, कोचिंग संस्थान पर ताला, अधर में छात्र, FIITJEE मामले के जल्द समाधान की मांग
भोपाल (आरएनआई) भोपाल में 12 से 15 करोड़ फीस लेकर, FIITJEE जैसे मशहूर कोचिंग संस्थान के संचालक द्वारा अचानक ताला लगा गायब हो जाना निश्चित ही अभिभावकों और छात्रों के लिए किसी गंभीर दुर्घटना जैसा है। वो दुर्घटना भी उस वक्त जब उनकी परीक्षा, जिसके लिए वह दिन रात मेहनत कर रहे थे, बिल्कुल नजदीक हो। ऐसे में शिक्षकों द्वारा इस्तीफा देना और संचालक द्वारा संस्थान बंद कर भाग जाने ने छात्रों के भविष्य को अधर ने लटका दिया है ।
कोचिंग सेंटर ने राजधानी भोपाल में लगभग 700 छात्रों ने 1.5 से 3 लाख रुपये फीस के रूप में जमा कराए थे, लेकिन दिसंबर के बाद संस्थान के संचालक ने कक्षाओं को बंद कर ताला लगा दिया। FIITJEE के चेयरपर्सन पर 42 करोड़ रुपये के गबन के आरोप भी लग रहे हैं। अब गुस्साए छात्रों और अभिभावकों ने दिल्ली के फिटजी हेल्प सेंटर को पत्र लिखकर फीस की राशि वापस करने की मांग की है।
कलेक्टर ने कही कड़ी कार्रवाई की बात
इस मामले में भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। कलेक्टर का कहना है कि छात्रों द्वारा दी गई फीस की एक-एक पाई वापस लौटाई जाएगी। प्रशासन द्वारा केंद्र को सील कर उसका गुमास्ता भी रद्द कर दिया गया है। आपको बता दें, इस तरह की घटना इंदौर कोचिंग संस्थान द्वारा भी की गई थी और तब इंदौर कलेक्टर ने कोचिंग संस्थान द्वारा छात्रों की पूरी फीस लौटाई थी।
700 छात्रों द्वारा दी गई थी 1.5 से 3 लाख रुपए की फीस
इंदौर फिटजी सेंटर बंद होने के बाद भोपाल केंद्र ने अभिभावकों और छात्रों को यह भरोसा दिलाया था कि भोपाल सेंटर सुचारु रूप से चलता रहेगा। इस आश्वासन के बाद तकरीबन 700 छात्रों ने 1.5 से 3 लाख की फीस संस्थान में सितंबर माह में जमा कर दी थी। कक्षाएं दिसंबर माह तक सही तरीके से चली भी, लेकिन बाद में संचालक ताला डालकर फरार हो गया।
चेयरमैन पर 42 करोड़ के गबन का आरोप
FIITJEE के चेयरपर्सन पर 42 करोड रुपए के गबन के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ये आरोप और कोई नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर वो लोग लगा रहे हैं, जो उसके करीबी हैं।
नहीं हुआ समाधान तो जाएंगे कंज्यूमर कोर्ट, करेंगे क्रिमिनल केस
समय और पैसे दोनों की मार झेल रहे छात्र और अभिभावक अब बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने दिल्ली फिटजी हेल्प सेंटर को पत्र लिखकर अपनी फीस वापस दिलाने की मांग की है। पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह कंज्यूमर कोर्ट और क्रिमिनल कोर्ट का सहारा लेंगे। संचालक का इस कदर भाग जाना अब संस्थान के 72 अन्य सेंटरों के लिए भी बड़ी परेशानी बन गया है, जहां अभिभावकों और छात्रों को इस बात की आशंका है कि कहीं उनके सेंटर भी तो रातों रात बंद तो नहीं हो जाएंगे।
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