10335 लोगों को लगेगा डेंगू का टीका, देश में 19 जगहों पर 18-60 उम्र के लोगों पर होगा परीक्षण
अमेरिकी संस्थान के साथ समझौते के जरिये पैनेसिया बायोटेक ने स्वदेशी टीका तैयार किया है। केवल निष्क्रिय अवयवों को छोड़ टीके की वायरस संरचना एनआईएच के टीके के समान है। प्रारंभिक चरण के अध्ययन में इसके नतीजे आशाजनक रहे हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए डेंगीऑल नामक टीके का असर जानने के लिए 10,335 स्वस्थ वयस्कों पर क्लीनिकल परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों की उम्र 18 से 60 साल होगी।
बायोमेडिकल वैज्ञानिक डॉ. शीला गोडबोले ने बताया, पैनेसिया बायोटेक ने अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की मदद से यह टीका बनाया है। इसका देश में 19 जगहों पर क्लीनिकल परीक्षण जल्द शुरू किया जाएगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी एंड एड्स रिसर्च, पुणे की निदेशक गोडबोले इस परीक्षण की प्रमुख जांचकर्ता भी हैं।
अमेरिकी संस्थान के साथ समझौते के जरिये पैनेसिया बायोटेक ने स्वदेशी टीका तैयार किया है। केवल निष्क्रिय अवयवों को छोड़ टीके की वायरस संरचना एनआईएच के टीके के समान है। प्रारंभिक चरण के अध्ययन में इसके नतीजे आशाजनक रहे हैं।
वायरस के चारों स्ट्रेन पर काम करेगा टीका : भारत में टीके का चरण-1 अध्ययन हो चुका है। टीके में सभी चार तरह के डेंगू वायरस की संरचनाएं शामिल हैं, जिसमें वायरल जीन के कुछ हिस्सों को हटा दिया जाता है। टीका खुद डेंगू बुखार का कारण नहीं बन सकता है। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान परीक्षण से जुड़े हुए हैं।
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