होली के उमंग प्राकृतिक रंगों के संग खुशी खुशी मनाए त्योहार -राजकुमार अश्क

Mar 20, 2024 - 20:58
Mar 20, 2024 - 21:01
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होली के उमंग प्राकृतिक रंगों के संग खुशी खुशी मनाए त्योहार -राजकुमार अश्क

जौनपुर (आरएनआई) होली की शुरुआत वैसे तो बसंत पंचमी के साथ ही शुरू हो जाती है, कुछ बची हुई रंगभरी एकादशी के दिन पूरी होती है। जिसमें सभी लोग भगवान् भोले के संग होली खेलते हैं। होली की खुमारी में सभी लोग मस्त होकर रंगीन नज़र आते हैं. किसी पर हरा रंग चढ़ा होता है तो किसी पीला रंग. मगर यह सभी रंग रासायनिक रंग होते हैं, रासायनिक रंगों से आज पुरा बाज़ार पटा पड़ा रहता है. जिसके इस्तेमाल से अनेकों प्रकार के त्वचा संबंधित रोग हो जाते हैं. इसी कारण बहुत से लोग होली खेलने से बचते हैं.भौतिकवादिता के चक्कर में पड़ कर आज हम प्रकृति से बहुत दूर होते जा रहे हैं, जबकि प्रकृति ने बेसुमार प्राकृतिक रंगों से हमें  नवाजा है.
नीला रंग- प्रकृति में मिलने वालें नील के पौधे पर निकलने वाली जो फलियां होती है यदि उसे सुखा कर पीस लिया जाए तो उससे प्राकृतिक नीला रंग मिल जाता है.
नारंगी रंग- गीले या सुखे टेसू जिसे पलास के नाम से भी जाना जाता है यदि उसे रात भर पानी में भिगो कर रख दिया जाए तो इससे बहुत ही सुंदर  प्राकृतिक नारंगी रंग मिल जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं भी टेसू के फूलों से होली खेलते थे, शायद इसी कारण आज भी बरसाने मे फूलों की होली होती हैं जिसमें टेसू सहित अनेकों प्रकार के प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता  है.
गुलाबी रंग- इस रंग को बनाना बहुत ही कम खर्च में आसानी से बनाया जा सकता है. बाज़ार में मिलने वाले चुकंदर को पतला पतला काट कर रात भर पानी में भिगों दे, सुबह प्राकृतिक रूप से तैयार रंग मिल जाएगा. कचनार के फूलों से भी गुलाबी रंग प्राप्त किया जा सकता है.
हरा रंग- हरा रंग बनाने के लिए सबसे अच्छी मेंहदी होती है, मेंहदी की पत्तियों को तोड़ कर सबसे पहले सुखा ले उसके बाद उसमें अच्छी तरह चावल का बारीक आटा मिला कर सुखा रंग बनाया जा सकता है. यह रंग बालों के साथ साथ त्वचा के लिए भी नुकसान दायक नहीं है.
लाल रंग-  इस रंग को बनाने के लिए लाल चंदन का प्रयोग किया जा सकता है जो कि सुगंधित भी होता है. इसके अलावा अनार के छिलकों से भी लाल रंग बन सकता है.
पीला रंग- पीला रंग बनाने का सबसे आसान तरीका है कि आप पीसी हल्दी और बेसन को एक साथ मिला ले, सुगंध के लिए आप इसमें पीला चंदन भी मिला सकते हैं, आमतौर पर यह घरों में उबटन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है जो कि त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है.इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे फूल और पौधों की छाल भी होती है जो कि पहाड़ी क्षेत्रों में पायी जाती है उनका उपयोग भी रंगों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है.

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Upendra Kumar Singh Jaunpur Uttar Pradesh