हेमंत सोरेन की उम्र पर बवाल, भाजपा के निशाने पर सीएम; पूछा- पांच साल में कैसे सात साल बढ़ गई आयु
हेमंत सोरेन ने साहेबगंज की बरहेट सीट से पर्चा भरा है। उनके शपथपत्र में जो उम्र दिखाई गई है उसको लेकर विवाद हो गया है। भाजपा का कहना है कि सोरेन ही बता सकते हैं कि 2019 में उनकी उम्र सही थी या 2024 की।
रांची (आरएनआई) महाराष्ट्र के साथ-साथ झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव जीतने के लिर राजनीतिक दल लगातार कमर कसे हुए हैं। इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उम्र को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। सीएम ने बरहेट सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। हेमंत ने जो हलफनामा (शपथ पत्र) दाखिल किया है, उसके मुताबिक उनकी उम्र पांच साल के अंतराल में ही सात साल बढ़ गई है। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने पूछा कि आखिर वह पांच वर्षों में सात साल कैसे बढ़े हो गए? दरअसल, साल 2019 में हेमंत के नामांकन पत्र में उनकी उम्र 42 साल बताई गई थी, लेकिन इस सालउनकी उम्र 49 साल बताई गई है।
भाजपा का कहना है कि अब यह तो हेमंत सोरेन ही बता सकते हैं कि 2019 में उनकी उम्र सही थी या 2024 में उन्होंने जो उम्र दाखिल की है, वह सही है। अगर 2024 में उनकी उम्र सही है तो इसका मतलब है कि उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव गलत शपथनामे पर जीता था। और अगर ऐसा है तो फिर इसका जिम्मेदार कौन है?
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'मैं तो कहता हूं कि हेमंत सोरेन का नामांकन रद्द नहीं होना चाहिए। जनता ही उनको हराएगी।' वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, हेमंत सोरेन हमेशा ऐसे ही करते हैं। चुनाव आयोग से हमने कहा है कि ये गलत है। एफिडेविट को तो कम से कम ठीक से रखना चाहिए।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की उम्र को लेकर उठे विवाद पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'जेएमएम का मतलब होता है 'झोल, मुस्लिम तुष्टिकरण और माफिया'। भ्रष्टाचार के नए मापदंड स्थापित करने वाली जेएमएम सरकार अब हलफनामों में भी भ्रष्टाचार कर रही है। हेमंत सोरेन पिछले पांच वर्षों में सात साल बढ़े हो गए हैं। इसी तरह, उन्होंने भ्रष्टाचार और घोटाले किए।'
सोरेन की जेएमएम पार्टी के नेता मनोज पांडेय ने पलटवार करते हुए कहा, 'हमारी पार्टी कुछ नहीं छिपाती है। सारे दस्तावेज दिए हैं। जब दस्तावेज दिए तो रिटर्निंग ऑफिसर चुप बैठे थे और अब भाजपा हार को देखकर साजिश कर रही है। हम फर्जी लोग नहीं हैं। भाजपा के कई नेता दस्तावेज में फर्जी डिग्री डालते हैं। फर्जीवाडा भाजपा को शोभा देती है। हमें नहीं।'
हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हैं। उन्होंने साहेबगंज की बरहेट सीट से पर्चा भरा है। राज्य में जेएमएम सत्तारूढ़ है। कांग्रेस भी गठबंधन का हिस्सा है। इस बार चुनाव रोचक होने जा रहे हैं। भाजपा ने गमालियल हेम्ब्रम पर दांव लगाया है। हेम्ब्रम ने 2019 में आजसू पार्टी के टिकट पर बरहेट से चुनाव लड़ा था और 2,573 वोट हासिल किए थे। मंगलवार को भाजपा उम्मीदवार हेम्ब्रम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ बरहेट सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
हेम्ब्रोम ने कहा, मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ना एक चुनौती है, लेकिन बरहेट के लोगों ने इस चुनौती को स्वीकार करने का फैसला किया है। वहां लोग अभी भी सड़क और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह बुनियादी ढांचे, मुख्य रूप से सड़क, पीने के पानी, बिजली और स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।
झारखंड में दो चरणाें मतदान झारखंड विधानसभा चुनाव में 81 सीटों पर 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतगणना होगी। यहां मंगलवार को दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई थी। कुल 634 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। मंगलवार को 297 उम्मीदवारों ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अपने दस्तावेज दाखिल किए। इन सीटों पर 20 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा। बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जबकि उम्मीदवार एक नवंबर तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB
What's Your Reaction?