हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ा, WHO ने कहा- रोजाना ले रहा 3,500 जानें
आज विश्व हेपेटाइटिस दिवस है। इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी देते हुए कहा है कि इससे हर रोज दुनिया में साढ़े तीन हजार लोगों की मौत हो रही है।

नई दिल्ली (आरएनआई) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेताया है कि हेपेटाइटिस बी और सी का खतरा बढ़ रहा है और इससे रोजाना दुनियाभर में 3,500 जानें जा रहीं हैं। रविवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस से पूर्व डब्ल्यूएचओ ने कहा, इसके खिलाफ लड़ने का वक्त आ गया है। इसकी थीम भी कार्रवाई का वक्त आया रखी गई है।
डब्ल्यूएचओ ने शनिवार को दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से वायरल हेपेटाइटिस बी और सी की रोकथाम, टीकाकरण, रोग की पहचान और इलाज तक सभी को पहुंच देने की कोशिशों को तुरंत बढ़ाने को कहा है। संगठन के मुताबिक, रोकथाम और इलाज लायक होने के बाद भी यह पुराने संक्रमण तेजी से गंभीर बीमारियों सहित लिवर कैंसर, सिरोसिस से मौतों की वजह बन रहे हैं। मौजूदा वक्त में लिवर कैंसर दक्षिण पूर्व एशिया में कैंसर से होने वाली मौतों की चौथी सबसे बड़ी वजह है। पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी सबसे आम वजह भी यही है। वहीं, लगभग 75 फीसदी लिवर सिरोसिस (लिवर का स्थायी तौर पर क्षतिग्रस्त होना) हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण की वजह से होता है। इस क्षेत्र में 2022 वायरल हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित 7.05 करोड़ लोग होंगे।
दक्षिण पूर्व एशिया डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद के मुताबिक, हमारे पास वायरल हेपेटाइटिस को रोकने, निदान करने और उसका इलाज करने के लिए ज्ञान और उपकरण हैं। हमें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्तर पर समुदायों को समान सेवाएं देने में कोशिशों में तेजी लाने की जरूरत है। जल्द जांच और इलाज से हेपेटाइटिस बी को सिरोसिस और कैंसर पैदा करने से रोका जा सकता है।
दुनियाभर में 25.4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी और 5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त हैं। वर्ष 2022 में लगभग 13 लाख लोगों ने वायरल हेपेटाइटिस से जान गंवाई। यह तपेदिक से होने वाली मौतों के बराबर है। हेपेटाइटिस और तपेदिक साल 2022 के संचारी रोगों में कोविड-19 के बाद मौत की अहम वजह रहे। हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त केवल 2.8 फीसदी मरीजों में 2022 में रोग की पहचाना गया और इनमें से 3.5 फीसदी को इलाज मिला है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?






