हिंसा के बाद अब बाढ़ से बांग्लादेशी लोगों का हाल बेहाल, अब तक 59 लोगों की मौत, बह गए कई घर
देशभर में सात लाख परिवार अभी भी फंसे हुए हैं। चटगांव, फेनी, खगराचारी, हबीगंज, सिलहट, ब्राह्मणबरिया और कॉक्स बाजार समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी पूरी तरह से कम हो गया।
ढाका (आरएनआई) बांग्लादेश में हिंसा के बाद अब बाढ़ के कारण आम लोगों का हाल बेहाल हो गया है। बाढ़ के कारण अबतक 59 लोगों की मौत हो हो चुकी है, जबकि 11 जिलों के 53 लाख लोग इससे प्रभावित हुए। कई लोग इस बाढ़ के कारण बेघर हो गए, जबकि, कम आय वाले परिवार, विशेषकर किसान केवल बेघर ही नहीं हुए, बल्कि फसलों के नष्ट होने के कारण उन्होंने आजीविका भी खो दी।
बाढ़ की स्थिति पर 65 वर्षीय नुरुल बेगम ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, बाढ़ का पानी मेरे मिट्टी के घर को बहा ले गया। इस दुनिया में मेरे पास केवल यही था। अब मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने आगे कहा, मुझे अपने पड़ोसी के बरामदे में शरण लेनी पड़ रही है। ऑटो रिक्शा चालक सुजान मिया ने कहा, "22 अगस्त को मनु नदी का तटबंधन टूटने के बाद मेरा घर पानी में डूब गया। हालांकि, बाढ़ का पानी कम हो गया है। मैं अपने घर मं वापस नहीं जा सकता, क्योंकि वह पूरी तरह से नष्ट हो चुका है।" उन्होंने बताया कि वह अपने एक रिश्तेदार के घर पर रह रहे हैं। स्थानीय निवासी जमशेद अली ने कहा, "बाढ़ के कारण मेरा खेत बर्बाद हो गया, जो मेरे आय का एकमात्र स्रोत था। अब मेरे परिवार का गुजारा कैसे होगा?
मौलवीबाजार जिला राहत एवं पुनर्वास अधिकारी मोहम्मद सदु मिया के अनुसार, जिले में बाढ़ के कारण 8,786 घर क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा, "हमने शीर्ष अधिकारियों को हालात के बारे में बताया और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए आवंटन की मांग की।" बुरिचांग उपजिला निर्बाही अधिकारी शाहिदा अख्तर ने कहा कि उनके उपजिला में 40,000 घर नष्ट हो गए। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में सात लाख परिवार अभी भी फंसे हुए हैं। चटगांव, फेनी, खगराचारी, हबीगंज, सिलहट, ब्राह्मणबरिया और कॉक्स बाजार समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी पूरी तरह से कम हो गया। मौलवीबाजार में भी बाढ़ की स्थिति में सुधार देखा गया। 7,05,052 परिवार अभी भी वहां फंसे हुए हैं।
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