हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करे ?
डॉ सुमित्रा अग्रवाल, आर्टिफीसियल ऑय को कोलकाता
सूत्रों की मानें तो २०२२ की ही तरह २०२३ में भी कम उम्र के लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई हैं और उनकी उम्र ५० साल से कम थी। परंतु कई बार लोग स्वस्थ नजर आते हैं और हार्ट अटैक में मर जाते हैं। हाल ही में हमने कई दिग्गजों को खोया है उनमे से एक है नितेश पांडेय। इनका निधन ५१ वर्ष की उम्र में २४ मई को हुआ , शाहनवाज़ प्रधान का निधन ५६ वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से हुआ , नन्दनमुरि तारक रत्न का निधन ३९ वर्ष में हार्ट अटैक से हुआ , टिकटोक स्टार मेघा ठाकुर उम्र २१ वर्ष का निधन २४ नवंबर और । टोयोटा किर्लोस्कर मोटर बाईस के चेयरपर्सन विक्रम किर्लोस्कर का निधन २९ नवंबर को । पिछले दो वर्षों में हमने कई बॉलीवुड और टीवी के नामी सितारों को हार्ट अटैक में खोया है। भारतीय टेलीविजन अभिनेता सिद्धांत वीर सूर्यवंशी, उम्र ४६ वर्ष का ११ नवंबर को जिम में कसरत के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को भी १० अगस्त को ट्रेडमिल पर एक बड़े कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा था। २१ सितंबर को उनका निधन हो गया। प्रसिद्ध गायक केके का कोलकाता में नजरूल मंच में एक संगीत समारोह में प्रदर्शन के दौरान तबीयत का बिगड़ना और फिर मृत्यु का कारण हृदय गति रुकना था। दक्षिण भारतीय अभिनेता पुनीत राजकुमार, उनकी मृत्यु अक्टूबर २०२१ में एक घातक कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। टीवी स्टार सिद्धार्थ शुक्ला का सितंबर २०२१ में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, जिससे उनके प्रशंसक सदमे और शोक में डूब गए। कोरोना के बाद हार्ट अटैक में बढ़ोतरी हो रही है। हार्ट अटैक क्या है ? हमारा हृदय यानी की दिल एक मस्कुलर अंग है। हृदय दिन में १ लाख बार धड़कता है। हमारा दिल छाती के बाईं ओर होता है। २४ घंटों में पूरे शरीर में ५००० गैलन रक्त पंप करता है। कोरोनरी धमनी रोग में, एक या अधिक हृदय (कोरोनरी धमनियां अवरुद्ध हो जाती है।
कोलोस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट की समस्या बढ़ती है। अधिक कोलेस्ट्रॉल धमनियों को संकुचित कर देता है जिससे हृदय में खून पास होना बंद हो कर हार्ट अटेक हो जाता है। किस उम्र में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है ?
आकड़ों के अनुसार विगत १० साल से हार्ट अटैक से मौत होने वालों की संख्या में बढ़ौतरी ७५ प्रतिशत हो चुकी है। हर १० में से ४ इंसान जो ५० साल की उम्र में हार्ट अटैक का शिकार हो रहा है। चिंता की बात यह है कि पहले की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा ४० साल की कम उम्र के लोगों में बढ़ता जा रहा है।
हार्ट अटैक के लक्षण
मायोकार्डियल इंफैक्शन का सबसे आम लक्षण है छाती में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी लेकिन हार्ट अटैक के अन्य संकेत भी होते हैं, जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण लक्षण है-
शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द।
सांस लेने में तकलीफ
सीने में दर्द की शिकायत
जी मचलना
जल्दी थकान महसूस होना
बार बार बेहोश होना
हार्ट का तेजी से धड़कना
सिर घूमना
कारण-
हार्ट अटैक की आम वजह मोटापा है।
धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
डायबिटीज
हाई फैट डाइट
तम्बाकू का सेवन
जंक फूड का सेवन
नींद की कमी
अत्यधिक तनाव
हद से ज्यादा कसरत करना
पहले से बीमारी होना
हाई बीपी
हार्ट अटैक का सिग्नल हमारा शरीर हमें देता है क्या ?
हां, हार्ट अटैक का सिग्नल हमारा शरीर हमें देता है, लेकिन हम पहचान नहीं पाते हैं।
नजरअंदाज करते हैं और यही गलती की वजह से खतरे में पड़ जाते हैं।
हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। हार्ट अटैक की कोई भी लक्षण मिलती है, तो तात्कालिक डॉक्टर के पास अच्छी ट्रीटमेंट करवाए। योग प्राणायाम नियमित तौर पर करें। आधे से ज्यादा बीमारी नियमित प्राणायाम से दूर होती है। रोजाना ५० मिनट कसरत करनी चाहिए, इससे ज्यादा नहीं करनी चाहिए, ज्यादा कसरत से हार्ट की धड़कन तेज होने लगती है। ध्यान तनाव के लिए बेहद कारगर है, हर सुबह ध्यान नियमित तौर से कीजिए और स्वस्थ रहिए। ध्यान से तनाव से मुक्ति मिलती है, मन प्रसन्न रहता है।
हार्ट अटैक की बीमारी कोई भी उम्र नहीं देखती है। हमेशा सचेत और सावधान रहना चाहिए। हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत, डॉक्टर के संपर्क में जाना चाहिए और अपनी जान को बचाना चाहिए। सर्ट अटैक से बचाव हो सकता है सावधानी रखें, नियमित योग, प्राणायाम, ध्यान करें और सब से महत्वपूर्ण बात खुश रहें। क्योंकि खुश रहने वालों को हार्ट अटैक की समस्याएं नहीं होती है और खुश होने से आयु बढ़ती है। स्वस्थ रहिए सतर्क रहिए, अपनी जिंदगी की शुरुआत सकारात्मकता सोच से करिये, इससे जिंदगी की काया ही बदल जाती है।
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