हार्ट अटैक के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा जी से
दिल का दौरा आज के दौर में एक आम बीमारी है और भविष्य में किसे दिल का दौरा पड़ेगा या नहीं, इसका अनुमान ज्योतिष ही कर सकता है। दिल का दौरा जान भी ले लेता है, अक्सर ऐसा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह अचानक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। अधिकांश दिल के दौरे कोरोनरी हृदय रोग के परिणामस्वरूप होते हैं।
दिल के दौरे का आम कारण कोरोनरी धमनी का गंभीर ऐंठन है। ऐंठन धमनी के माध्यम से रक्त के प्रवाह को काट देती है। ऐंठन कोरोनरी धमनियों में हो सकती है जो एथेरोस्क्लेरोसिस से प्रभावित नहीं होती हैं।
हार्ट अटैक कभी भी अचानक हो सकता हैै, लेकिन कुछ लक्षण हैं, जो हार्ट अटैक के १ महीने पहले नजर आने लगते हैं। इन ६ लक्षणों के आने से सावधान हो जाएं-
१ सीने में होने वाली किसी भी प्रकार की असहजता खास तौर से सीने में दबाव या जलन महसूस होना।
२ जल्द ही थकान महसूस होने लगना। पर्याप्त नींद लेने के बाद भी अगर आलस और थकान का अनुभव हो और दिन में भी नींद या आराम की जरुरत महसूस हो।
३ पैर के पंजे, टखने और अन्य हिस्से में सूजन और होंठों का नीला पड़ना।
४ लंबे समय तक सर्दी और कफ के साथ सफेद या गुलाबी रंग का बलगम आना।
५ दिल कमजोर होने से दिमाग तक आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन नहीं पहुंचने के कारण निरंतर चक्कर आना।
६ सांस लेने में कठिनाई होना।
हार्ट अटैक के लिए कुंडली के कोनसे घर जिम्मेदार है
ज्योतिष शास्त्र में लग्न से चतुर्थ और पंचम भाव, कर्क राशि और सिंह राशि हृदय के दाहिने भाग पर शासन करता है। राशियों में सूर्य और चंद्रमा हृदय के लिए मुख्य कारक हैं। बाएँ भाग पर ग्यारहवें और दसवें भाव का और रशिया में कुंभ और मकर का प्रभाव होता है।
हार्ट अटैक के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं
शनि, मंगल, राहु और केतु हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार है।
मंगल उच्च दबाव के कारण हृदय के माध्यम से रक्त के अत्यधिक प्रवाह का कारण हार्ट अटैक करता है।
शनि हृदय के कार्य में रुकावट पैदा करता है जिससे दर्द होता है और हार्ट अटैक होता है ।
राहु अनियमित हृदय गतिविधियों का कारण बनता है और हार्ट अटैक करता है।
केतु अचानक हृदय ब्लॉक का कारण बनता है।
हल ही में सुष्मिता सेन को ह्रदय की समस्या आती है और उनको हस्पताल जाना पड़ता है और उनकी एंजियोप्लास्टी भी होती है।
उनकी जन्मा पत्रिका के विश्लेषण से एक खास बात सामने आती है की ह्रदय रोग सम्बन्धी कोई ऐसे योग योग नहीं है। फिर सवाल ये उठता है की उनको हार्ट अटैक क्यों आया। एंजियोप्लास्टी हुई है इसी से स्पश्ट है की ह्रदय में विशेष समस्या आई है। इसका जवाब गोचर में मिला।
सुष्मिता सेन की जन्मपत्रिका तुला लग्ना की है और इनके लग्न से चतुर्थ भाव है मकर राशि है और लग्न से पंचम भाव है कुम्भ राशि है और दोनों के स्वामी शनि है जो की दसवे भाव में चन्द्रमा के घर में है। और चन्द्रमा आंठवे भाव में है। पंचम भाव में गोचर के शनि और सूर्य है। कर्क राशि में जन्म के शनि बैठे हुए है और सिंह राशि के स्वामी सूर्य दूसरे भाव में बैठे है।
हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार ग्रहो में से मंगल आंठवे भाव में गोचर कर रहे है वही ऑपरेशन कराये है। शनि के स्वराशि में सूर्य और शनि का गोचर समस्या को हस्पताल तक पंहुचाने का काम किये है। बुध चौथे घर में गोचर कर रहे है जो की ह्रदय से सम्बंधित घर है और सुष्मिता सेन अभी बुध की सूक्ष्म दशा में चल रही है। गुरु की महादशा ने आयु की रक्षा की है।
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