हाथ में फरसी मारने वाले को साथी सहित २-२ वर्ष का सश्रम कारावास
गुना (आरएनआई) मेड़ के पुराने विवाद को लेकर आहत शिवराज को हाथ में फरसी मारने वाले आरोपी और उसके साथी को सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने २-२ वर्ष के सश्रम कारावास और ₹ १५००/- १५००/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
अभियाेजन कहानी के अनुसार फरियादी शिवराज ने दिनाँक ०६-११-२२ को शाम लगभग साढ़े ६ बजे थाना थाना आरोन में उसके पिता और चाचा के साथ उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि आज दिनाँक ०६-११-२२ को दोपहर २-२:३० बजे के बीच वह अपने ट्रेक्टर से विजय सिंह भील का खेत हांकने जा रहा था तभी रास्ते में खेड़ली डांग की पुलिया के पास आरोपीगण प्रकाश भील और कल्लू भील ने मेड़ के पुराने विवाद पर से उसका रास्ता रोक लिया और उसे नीचे उतारकर मां - बहन की गन्दी - गन्दी गालियां दीं, जब शिवराज ने गाली देने से मना किया तो आरोपी कल्लू ने उसके बाएं हाथ की कलाई में फरसी मारी जिससे चोट होकर खून निकल आया और आरोपी प्रकाश ने लाठी से उसकी मारपीट की जिससे उसे पीठ, गाल और जांघ पर चोटें आईं। उसके पिता सांवलजी और जगन्नाथ ने बीच बचाव किया। फरियादी की रिपोर्ट पर से पुलिस थाना आरोन ने आरोपीगण के विरुद्ध भा.द.वि. की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की विवेचना के दौरान चिकित्सक ने शिवराज के हाथ में आयी चोट को गम्भीर बताया जिसके कारण प्रकरण में भा.द.वि. की धारा ३२६ की वृद्धि की गयी। विवेचना के उपरान्त पुलिस ने न्यायालय में आरोपी प्रकाश पुत्र गिरधारी लाल भील और कल्लू उर्फ कल्याण सिंह भील पुत्र गिरधारी लाल भील निवासी खेड़ली डांग थाना आरोन, जिला गुना के विरुद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय ने प्रकरण में आयी सम्पूर्ण साक्ष्य और अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के समस्त तर्कों को सुनने के पश्चात् आरोपीगण को भा.द.विधि की धारा ३४१ में और ३२६/३४ एवं ३२६ में दोषसिद्ध किया जाकर धारा ३४१ में एक माह के साधारण कारावास, ₹ ५००/- के अर्थदण्ड से और भा.द.विधि की धारा ३२६/३४ और ३२६ में २ वर्ष के सश्रम कारावास और ₹ १०००/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक अलंकार वशिष्ठ ने पैरवी की।
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