हाईकोर्ट ने अंबासमुद्रम मामले में सरकार से मांगा जवाब
पीड़ित की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीसीआईडी द्वारा की जा रही है।
चेन्नई। (आरएनआई) मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश जारी कर अंबासमुद्रम मामले में हलफनामा दायर कर जवाब देने को कहा है। बता दें कि अंबासमुद्रम पुलिस स्टेशन में हिरासत में प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगे हैं। इसे लेकर एक पीड़ित अरुण कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस याचिका पर ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीसीआईडी द्वारा की जा रही है।
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के अंबासमुद्रम में कुछ लोगों ने एएसपी बलवीर सिंह पर पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप है कि अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों को एएसपी बलवीर सिंह ने प्रताड़ित किया। आरोप है कि पुलिस अधिकारी ने सरौता से पीड़ितों के दांत उखाड़े। प्रताड़ना के दौरान पीड़ितों के अंडकोष पर भी हमला किया गया। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब तीन लोगों ने एक वीडियो रिकॉर्ड कर आपबीती सुनाई।
घटना के सामने आने के बाद तिरुनेलवेली जिले के जिलाधिकारी केपी कार्तिकेयन ने जांच के आदेश दिए थे। आरोप लगने के बाद आरोपी आईपीसी अधिकारी बलवीर सिंह को पद से हटा दिया गया था। जांच के बाद वरिष्ठ नौकरशाह पी मुधा ने इस मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपने की सिफारिश की। फिलहाल सीबी-सीआईडी ही इस मामले की जांच कर रही है। वहीं निलंबित आईपीसी अधिकारी बलवीर सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। तमिलनाडु पुलिस ने बलवीर सिंह के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत दो नई एफआईआर भी दर्ज की हैं। फिलहाल निलंबित आईपीएस के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या तीन हो गई है।
तमिलनाडु राज्य मानवाधिकार आयोग भी घटना का स्वतः संज्ञान लेकर मामले की जांच कर रहा है। इस मामले में विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया। राजनीतिक दबाव के बाद राज्य सरकार ने आरोपी आईपीसी अधिकारी को निलंबित कर दिया था।
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