हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर निगम से पूछा सवाल- आवारा कुत्तों के हमले को रोकने में कहां आ रही दिक्कत
इलाहाबाद(आरएनआई) इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आवारा कुत्तों द्वारा लोगों खास तौर पर बच्चों पर हो रहे हमलों के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में नगर निगम से सवाल पूछा है कि आवारा कुत्तों के हमले को रोकने में आखिर दिक्कत कहां आ रही और इसके लिए वो क्या उपाय कर रहे हैं।
आवारा कुत्तों के हमले पर हाईकोर्ट सख्त
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर निगम को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का आदेश दिया है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने पारित किया है। कोर्ट ने अखबारों में प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ निबंधक को इस मामले को आवारा कुत्तों से खतरा नाम से जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है। दरअसल बीते दिन विकास नगर इलाके में आवारा कुत्तों से बचकर भागने के चक्कर में दो बच्चों की जान चली गई।
हाईकोर्ट ने नगर निगम से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस प्रकार की और भी खबरों का भी जिक्र किया। साथ ही इस मामले में केंद्र सरकार और नगर निगम को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नगर निगम से सवाल पूछा कि आखिर कुत्तों से बच्चों को बचाने के लिए नगर निगम की क्या तैयारी है। बच्चों पर हो रहे आवारा कुत्तों के हमले पर हम आंखें नहीं मूंद सकते से है आखिर इस समस्या को दूर करने में दिक्कत कहा आ रही है। वहीं कोर्ट ने एनिमल राइट्स से जुड़े संगठनों के नाम भी मांगे हैं। कोर्ट ने इस सम्बंध में नगर निगम से जवाब मांगा कि आवारा कुत्तों को लेकर क्या उपाय कर रहे हैं संबंधित अधिकारियों के लिए ये जरूरी है कि वह इस खतरे को गंभीरता से लें।
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