'हल्के में कैसे ले सकते हैं?' बदलापुर मामले के आरोपी की मौत मामले में CID को कोर्ट की फटकार
बदलापुर स्कूल दुष्कर्म मामले के आरोपी की हत्या को लेकर उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सीआईडी इसे इतने हल्के में कैसे ले सकती है? यह एक अत्यंत गंभीर मामला है, जिसमें आरोपी की हिरासत में मौत हुई है।
मुंबई (आरएनआई) बंबई उच्च न्यायालय ने बदलापुर स्कूल दुष्कर्म मामले के आरोपी की गोलीबारी में हत्या की जांच को लेकर राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि सीआईडी ने मामले की जांच को हल्के में लिया है और जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने की कोशिश की जा रही है।
अदालत ने कहा कि सभी मामलों में निष्पक्ष जांच की जरूरत होती है और सीआईडी के इस मामले में किए गए आचरण से शक पैदा होता है। इसके यह गलत संदेश जाता है कि वह न्यायिक जांच के दौरान पूरी जानकारी नहीं दे रही है।
यह मामला आरोपी अक्षय शिंदे (24 वर्षीय) से जुड़ा है, जिसे बदलापुर इलाके में दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के आरोप में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। उसे 24 सितंबर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उच्च न्यायालय ने सीआईडी की कार्यशैली पर सवाल उठाया और कहा कि इस मामले में स्थानीय पुलिस से सीआईडी को इसलिए स्थानांतरित किया गया था, क्योंकि सीआईडी अधिक सक्षम मानी जाती है। लेकिन सीआईडी की
उच्च न्यायालय ने कहा, राज्य सीआईडी इसे इतने हल्के में कैसे ले सकती है? यह एक अत्यंत गंभीर मामला है, जिसमें आरोपी की हिरासत में मौत हुई है। सीआईडी से क्या उम्मीद की जा सकती है? न्यायालय ने यह भी पूछा कि मेडिकल दस्तावेज क्यों सही तरीके से एकत्र नहीं किए गए।
सीआईडी की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने कहा, आपकी लापरवाही के कारण ही अब हम इस पर सवाल उठा रहे हैं। आप ठीक से जांच क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या जानबूझकर जानकारी को मजिस्ट्रेट से छिपाया जा रहा है? अदालत ने कहा कि सभी दस्तावेजों को ठीक से एकत्र करके मजिस्ट्रेट को सौंपा जाना चाहिए, ताकि जांच सही तरीके से हो और रिपोर्ट सही समय पर पेश की जा सके।
आरोपी अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई।
पुलिस के मुताबिक, अक्षय शिंदे को 24 सितंबर को तलोजा जेल से ठाणे ले जाया जा रहा था। अक्षय ने पुलिस वैन में एक पुलिसकर्मी से पिस्तौल छीनी और उस पर गोली चलाई, जिससे पुलिसकर्मी घायल हुआ। जवाब में एक अन्य पुलिसकर्मी ने गोली चलाई, जिससे शिंदे की मौत हो गई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2025 को तय की है। उस दिन मजिस्ट्रेट को अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
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