हर मरीज के बिल पर 35% देने की थी डील, फोनपे पर मिलती थी दलाली
पुलिस ने दलाल जुल्फिकार (42) को गिरफ्तार किया है। इसी ने असगर अली नामक मरीज को सेंटर में भेजा था। यहीं उसकी मौत हो गई थी। जुल्फिकार डॉ. नीरज अग्रवाल के मेडिकल सेंटर में 200 से ज्यादा मरीज भेज चुका है।
नई दिल्ली, (आरएनआई) दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश-एक स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर में मौत के खेल के मामले में पुलिस ने दलाल जुल्फिकार (42) को गिरफ्तार किया है। इसी ने असगर अली नामक मरीज को सेंटर में भेजा था। यहीं उसकी मौत हो गई थी। जुल्फिकार डॉ. नीरज अग्रवाल के मेडिकल सेंटर में 200 से ज्यादा मरीज भेज चुका है। पुलिस अन्य दलालों को तलाश कर रही है। वहीं, पुलिस अन्य शिकायतों पर एक से दो एफआईआर दर्ज कर सकती है।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि एसीपी नीरज टोकस और ग्रेटर कैलाश थानाध्यक्ष अजीत सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रेम सिंह, एसआई अनिल कुमार, एसआई विनोद व एसआई श्रीभगवान की टीम ने जुल्फिकार को संगम विहार से गिरफ्तार किया है। लाल कुआं, प्रह्लादपुर निवासी आरोपी का संगम विहार में क्लीनिक है। इसी में वह दवा की दुकान भी चलाता था। आरोपी होम्योपैथी/एलोपैथी दवाएं बेचता था। डीफार्मा कर चुके जुल्फिकार के पास दवाओं को बेचने का वैध लाइसेंस नहीं है।
जुल्फिकार को डॉ. नीरज अग्रवाल का एक कार्ड मिला था। यह कार्ड संगम विहार में डा. अग्रवाल के लड़कों ने बांटा था। इस पर नंबर देखकर जुल्फिकार ने डॉ. नीरज से संपर्क किया और अग्रवाल मेडिकल सेंटर में मरीज भेजने की बात कही। डॉ. नीरज उसे प्रति मरीज कुल बिल राशि का 35 प्रतिशत भुगतान करने पर सहमत हो गया। जिन मरीजों को पथरी व डिलिवरी का ऑपरेशन कराना होता था उन्हें जुल्फिकार डॉ. नीरज अग्रवाल के सेंटर भेजता था।
चौधरी ने बताया कि डॉ. नीरज अग्रवाल जुल्फिकार को फोनपे पर कमीशन के पैसे देता था। यह खाता उसके मोबाइल नंबर 8882463906, बैंक ऑफ इंडिया, गोविंदपुरी शाखा, खाता नंबर 601810110003481 से जुड़ा हुआ है।
जुल्फिकार पिछले सात-आठ वर्षो से डॉ. नीरज के संपर्क में था। जुल्फिकार ने अग्रवाल मेडिकल सेंटर में आखिरी मरीज असगर के रूप में भेजा था। इलाज के दौरान असगर की मौत हो गई थी। उसने लगभग 200 से 250 मरीजों को डिलीवरी/गर्भपात/पथरी जैसे इलाज के लिए डॉ. नीरज अग्रवाल के पास रेफर किया था। डॉ. नीरज डिलीवरी, पथरी के ऑपरेशन के लिए 15,000 से 20,000 और गर्भपात के लिए पांच से छह हजार रुपये लेता था।
मामले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले थानाध्यक्ष अजीत सिंह की देखरेख में एसआई श्री भगवान व विनोद की टीम मुख्य आरोपी डॉ. नीरज अग्रवाल (एमबीबीएस), उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल (पहले घरेलू सहायिका), महेंदर (लैब तकनीशियन) और डॉ. जसप्रीत एमबीबीएस (एमएस, सर्जन) को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी को पुलिस पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने अब डॉ. नीरज अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस भेजा है। डीएमसी ने नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके मेडिकल सेंटर का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। डीएमसी के इस नोटिस पर पुलिस अधिकारी अचंभे में हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी के ओर से डीएमसी को सेंटर का लाइसेंस रद करने के लिए लिखा था, पुलिस ने सबूत भी दिए थे। इसके बावजूद भी डीएमसी ने लाइसेंस रद्द करने की बजाय नोटिस जारी किया है।
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