हर बार रत्न भंडार का मुद्दा भाजपा उठाती है, उन्हें फायदा कभी नहीं हुआ : वीके पांडियन
पांडियन ने कहा कि रत्न भंडार भगवान जगन्नाथ का खजाना है। इसे 1980 के दशक से नहीं खोला गया है। 40 साल से अधिक समय बीत गया है। खोलने के लिए अवसर होना चाहिए। इसे खोलने के लिए कई अनुष्ठान होंगे। सीएम पटनायक ने तो 2000 में ही कार्यभार संभाला है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का मामला चर्चाओं में आ गया। इस पर, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन ने कहा कि भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की गायब चाबियों से संबंधित मुद्दा भारतीय जनता पार्टी ने उठाया लेकिन उन्हें इसका चुनावी लाभ नहीं मिल पाया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में छह साल पहले गायब हुई भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की चाबियों का मुद्दा उठाया था।
एक साक्षात्कार में मंगलवार को पांडियन ने कहा कि बीजद सरकार मामले में बहुच पारदर्शी है। रथ यात्रा के समय रत्न भंडार को खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि मामला ओडिशा उच्च न्यायालय की जांच के अधीन है। उन्होंने ही एक समिति बनाई है। समिति ने फैसला किया है कि रथ यात्रा के दौरान रत्न भंडार खोला जाएगा। इसके बाद लोगों को सब कुछ पता चल जाएगा। रत्न भंडार और अन्य मंदिर मामलाों का प्रबंधन गजपति महाराज के नेतृत्व वाली समिति करती है। यह कोई राजनीतिक व्यक्ति या अधिकारी नहीं है। रत्न भंडार भगवान जगन्नाथ का खजाना है। इसे 1980 के दशक से नहीं खोला गया है। 40 साल से अधिक समय बीत गया है। खोलने के लिए अवसर होना चाहिए। इसे खोलने के लिए कई अनुष्ठान होंगे।
पांडियन ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने 2004 से 2009 तक गठबंधन में कानून मंत्रालय का प्रभार संभाला है, उन्होंने कभी भी कुप्रबंधन का मामला नहीं उठाया। यहां तक की ओडिशा भाजपा प्रमुख मनमोहन सामल ओडिशा सरकार में मंत्री भी रह चके हैं। उन्होंने भी कभी ऐसी बात नहीं की। अगर कुछ गड़बड़ होती तो वे भी बोलते न। 40 वर्षों से रत्न भंडार नहीं खुला है, सीएम पटनायक ने तो 2000 में ही कार्यभार संभाला है।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जो 2019 चुनाव, उपचुनाव, पंचायत चुनावों में भी हावी रहा लेकिन इतिहास है अगर भाजपा को कभी इससे फायदा हुआ हो तो। उन्हें हर चुनाव में हार ही मिली है। बीजद सरकार मामले में काफी पारदर्शी रही है। जांच उच्च न्यायालय के दायरे में हैं। मेरे खिलाफ व्यक्तिगत स्तर पर आरोप लगाए जा रहे हैं। सभी आरोप निराधार हैं।
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