हरदोई में 11 जुलाई को मनाया जायेगा विश्व जनसँख्या दिवस
हरदोई (आरएनआई) हर साल की भांति इस साल भी 11 जुलाई को विश्व जनसँख्या दिवस मनाया जायेगा | इसको मनाये जाने का उद्देश्य जनसँख्या स्थिरीकरण के प्रति लोगों को जागरूक करना और परिवार कल्याण कार्यक्रम को गति देना है |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बाताया कि इस साल विश्व जनसँख्या दिवस की थीम है “मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर” तथा जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा का नारा है- ‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान’|
इसी क्रम में एक से 20 जून तक जनसँख्या स्थिरता पखवारा का प्रारंभिक चरण, 27 जून से 10 जुलाई तक दूसरा चरण कम्युनिटी मोबिलाइजेशन और 11 से 24 जुलाई तक सेवा प्रदायगी पखवारा मनाया जाएगा | प्रारंभिक चरण में लक्षित दंपत्तियों को प्रेरित किया गया और सेवा प्रदायगी गतिविधियों को अच्छे ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए तैयारियों को अंजाम किया गया इसके साथ ही इसमें सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने के साथ ही परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी |
कम्युनिटी मोबिलाइजेशन पखवारे में जनसमुदाय को परिवार नियोजन के महत्त्व के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे सारथी वाहन, सास-बेटा- बहु सम्मलेन आदि का आयोजन किया जाएगा | वहीं सेवा प्रदायगी पखवारे के दौरान सभी स्वास्थ्य इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में परामर्श दिया जायेगा और योग्य एवं इच्छुक लाभार्थियों को यह साधन उपलब्ध भी कराए जाएंगे |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि हमें समुदाय को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों को अपनाने पर जोर देना है और उन्हें पारम्परिक साधनों को अपनाने से रोकना है | थीम के अनुसार माँ और बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर रहे इसके लिए जरूरी है कि सही उम्र में माँ गर्भधारण करे और वह स्वस्थ हो इसके आलावा दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर हो | इससे माँ बच्चों की देखभाल के साथ ही अपनी देखभाल भी सही से कर पायेगी | इसी क्रम में स्वास्थ्य इकाइयों में बास्केट ऑफ़ च्वाइस की सुविधा है | जिसमें परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधन मौजूद हैं | लाभार्थी अपनी पसंद के अनुसार इनमें से कोई भी साधन चुन सकता है | परिवार कल्याण को लेकर लगातार गतिविधियाँ की जा रही हैं जिनमें हर माह खुशहाल परिवार दिवस और अंतराल दिवस प्रमुख है इसके साथ ही छाया ग्राम्य स्वस्थ्य एवं पोषण दिवस पर भी इस बारे में जानकारी दी जाती है और लाभार्थी की इच्छानुसार उन्हें साधन मुहैया भी कराये जाते हैं |
स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही परिणाम है कि पिछले दो साल में परिवार नियोजन के साधन अपनाने में बढ़ोत्तरी हुयी है | अस्थायी साधनों की बता करें तो जहाँ साल 2022-23 में 21,562 महिलाओं ने प्रसव पश्चात् इंट्रा यूट्राइन कॉण्ट्रासेप्टिव डिवाइस(पीपीआईयूसीडी) लगवाई वहीँ 2023-24 में 26,342 महिलाओं नें इसे अपनाया | त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन को साल 2022-23 में 11,900 महिलाओं ने लगवाया जबकि साल 2023-24 में 19204 महिलाओं ने इसे लगवाया | स्थायी साधनों की बात करें तो महिलाएं नसबंदी की सेवा अपनाने में आगे रहीं | जहाँ साल 2023-24 में 3267 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा अपनाई वहीँ साल 2022-23 में यह आंकड़ा 2355 रहा |
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