हरदोई में नगर निकाय चुनाव में भाजपा का लचर प्रदर्शन, शाहाबाद में पंच प्यारों ने उच्च शिक्षा राज्यमंत्री के अरमानों पर फेर दिया पानी

May 16, 2023 - 17:43
May 16, 2023 - 17:45
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हरदोई में नगर निकाय चुनाव में भाजपा का लचर प्रदर्शन, शाहाबाद में पंच प्यारों ने उच्च शिक्षा राज्यमंत्री के अरमानों पर फेर दिया पानी

हरदोई। नगरीय निकाय चुनाव सम्पन्न हुए तीन दिन बीतने को है लेकिन चर्चाओं का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जहां एक ओर जीते प्रत्याशी व उनके समर्थक जश्न मनाने में मशगूल हैं वहीं दूसरी ओर चुनाव में पराजय से मायूस प्रत्याशी व उनके समर्थक अपनी हार के लिये एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे हैं। हरदोई में जिला पंचायत से लेकर सभी विधानसभा,सभी संसदीय क्षेत्र,सभी ब्लाक प्रमुख समेत सभी पदों पर भाजपा का कब्जा होने के साथ ही हर बूथ से लेकर पन्ना प्रमुख तक का सशक्त संगठन होने के बावजूद भी     नगरीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है।जिले में 7नगरपालिका में से मात्र2नगरपालिका में ही जीत दर्ज करा पाने सफल हो पायी है।वहीं 6नगर पंचायत में केवल 3 नगर पंचायत जीत कर ही तस्सली करनी पड़ रही है। निर्वाचन आयोग से जारी आंकड़ों पर नजर डाली जाय तो नगरपालिका हरदोई से भाजपा प्रत्याशी सुख सागर मिश्रा व विलग्राम से अनिल कुमार ही कमल खिलाने में कामयाब हो पाये बाकी अन्य 4पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। नगरपालिका संडीला से मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रईस अन्सारी , शाहाबाद से नसरीन वानो, पिहानी से शाहीन वेगम ने सपा का परचम लहराकर समाजवादी पार्टी की उपस्थिति दर्ज होने का एहसास कराया है।वहीं सांडी नगरपालिका में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रामजी गुप्ता ने जीत दर्ज करायी है। वहीं मल्लावां नगरपालिका में निर्दलीय प्रत्याशी तबस्सुम ने उप्र सरकार में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को उनके ग्रह नगर में ही जोरदार पटखनी दी है। जिले के 6नगर पंचायतों में भाजपा ने बेनीगंज,गोपामऊ व कछौना में ही जीत दर्ज करा पाई है तो समाजवादी पार्टी ने पाली व कुरसठ में अपना जीत का झण्डा गाड़ दिया। माधोगंज में भाजपा अपने वागी प्रत्याशी अनुराग मिश्रा से चुनाव हार गयी। नगरीय निकाय चुनाव में सीट बंटवारे में भाजपा को काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ा। पहले आरक्षण के पेंच में मामला फंसा बाद में दुबारा आरक्षण में सीटिंग प्लान मे बदलाव से भी प्रत्याशिता बदली।यह भी एक नाराजगी का कारण बना। भाजपा के सूत्रों के अनुसार जहां एक ओर संगठन अपने हिसाब से सीटिंग प्लान तय कर रहा था वहीं क्षेत्रीय विधायको के हस्तक्षेप के चलते सीटिंग प्लान में दिक्कतें आने लगी।अपने मनमाफिक लोगों को टिकट दिलाने मे मंत्री विधायक सफल रहे जिसके कारण सांगठनिक कार्यकर्ता निराश हो गया। सांगठनिक कार्यकर्ताओं की हताशा व उदासीनता व माननीयों के कार्यकर्ताओं में तालमेल न हो पाने के कारण भाजपा को हरदोई में करारी हार का सामना करना पड़ा है।उदाहरण के तौर पर जिले की सबसे हाट सीट शाहाबाद की बात की जा सकती है।यह सीट प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के विधानसभा क्षेत्र की है। नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होने के साथ ही यह सीट आरक्षण में पहली बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई। पिछड़ा वर्ग को मौका मिलने पर पिछड़ा वर्ग के तमाम पुराने भाजपाई टिकट की लाइन मे खड़े हो गये और टिकट पाने की जुगत में लग गये। इधर आरक्षण पर उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद दुबारा जारी आरक्षण में शाहाबाद नगरपालिका अध्यक्ष पद अनारक्षित हो गया। अनारक्षित घोषित होते ही ब्राह्मण समाज के लोग सक्रिय हो गए और तमाम जद्दोजहद के बाद नगर के प्रतिष्ठित चिकित्सक रहे डा.रामनाथ मिश्रा के सुपुत्र संजय मिश्रा बबलू को भाजपा ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया।दूसरी तरफ पिछले 25सालो से नगरपालिका चेयरमैन पद पर लगातार काबिज पूर्व विधायक आसिफ़ अली खां बब्बू की पत्नी नसरीन वानो को समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया। शाहाबाद नगर से ही जनसंघ से लेकर भाजपा तक पूरा जीवन लगा देने वाले रामसेवक रस्तोगी के पुत्र जो कि भाजपा यूवा मोर्चा के पूर्व नगर अध्यक्ष रहे जिन्हें भाजपा ने नगरपालिका में सभासद भी नामित किया था टिकट न मिलने से बसपा के टिकट पर दावेदारी ठोक दी। सत्ता रूढ़ दल में पुराने पिछड़ा वर्ग के नेताओं को टिकट न मिलने व ब्लाक से लेकर अन्य सभी पर ब्राह्मणों का सुशोभित होना तथा नगरपालिका में भी ब्राह्मण को टिकट मिलने से उनमें असंतोष व्याप्त हो गया।इधर शाहाबाद नगर में भाजपा के अधिकाशं दिग्गज पिछड़े समाज से ही थे ऐसे में सभी ने चुनाव में एक खामोशी धारण कर ली। लोगों का मानना है कि टिकट दिलाने में कामयाब रही रजनी तिवारी ने संगठन से इतर अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव में लगा दिया भाजपा विधायक रजनी तिवारी के प्रत्येक कार्यक्रम में सबसे अगली पंक्ति में दिखाई देने वाले शाहाबाद में पंच प्यारे की संज्ञा से नवाजे जाने वाले कार्यकर्ता प्रमुख थे। शाहाबाद नगर में जनाधार शून्य यह लोग जो विधानसभा चुनाव में सपा बसपा जैसे दलों से आये थे इन लोगों ने रजनी तिवारी के आसपास ऐसा घेरा बना लिया कि उस घेरे को जनता व भाजपा कार्यकर्ता भेद ही नहीं पा रहे थे। यह लोग पार्टी कार्यकर्ताओं व गरीब जनता को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री तक पहुंचने ही नहीं देते थे।ऐसे में भाजपा को पूरा जीवन समर्पित करने वाले नये व पुराने कार्यकर्ताओं के अंदर हताशा पनप गयी। नतीजतन कार्यकर्ताओं मे चुनाव को लेकर जो जोश भाजपा के लिये दिखाई पड़ता था वह दिखाई नहीं दिया। जनता जनार्दन की बात पर भरोसा करें तो उसका आज भी यही मानना है कि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी सरलता, लोकप्रियता  की जीती जागती प्रतिमूर्ति है उन्हें शाहाबाद की जनता आज भी पसंद करती है लेकिन ग्रामीण अंचलों से प्रधानी का चुनाव हारे यह पंच प्यारे कहे जाने वाले लोग जनता व कार्यकर्ताओं को उनके पास पहुंचने से रोककर उनके मेहनत व अरमानों पर पानी फेरता नजर आ रहा है। नगरपालिका चुनाव इसका जीता जागता उदाहरण है। भाजपा प्रत्याशी की सरलता सहजता ईमानदारी व रजनी तिवारी की मेहनत व भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा की जनता के प्रति उदारता के कारण नगरपालिका चुनाव टक्कर में रहा। लेकिन शाहाबाद क्षेत्र में पंच प्यारे के नाम से प्रसिद्ध लोगों के कारण ही भाजपा शाहाबाद में चुनाव हार गयी। चुनाव हारने की बौखलाहट में शाहाबाद में कुछ भाजपाइयों द्वारा अपने पार्टी के लोगों को जयचंद कहकर जुबानी हमले करने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। यह भाजपा को भविष्य में और कमजोर करने का काम कर रहा है। जो आगामी और भी चुनाव में जनाधार प्रभावित कर सकता है इसके लिये भाजपा के जिम्मेदार नेताओं को संज्ञान लेकर हार के कारणों पर मंथन कर कमियों को दूर कर अपनी जनता व कार्यकर्ताओं को सशक्त कर अपने दुर्ग को मजबूत करना चाहिए।                    

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Laxmi Kant Pathak Senior Journalist | State Secretary, U.P. Working Journalists Union (Regd.)