हमास महीनों से कर रहा था हमले की तैयारी, कैसे चूक गईं इस्राइली खुफिया एजेंसियां?
विशेषज्ञों की मानें तो इस्राइल में यह समय छुट्टियों का है। इसके बावजूद पड़ोस से ही हुए इतने बड़े हमले के लिए तैयार न रहना इस्राइल की ढीली सतर्कता का नतीजा रहा।
येरुशलम, (आरएनआई) आतंकी संगठन हमास की तरफ से इस्राइल पर किए गए घातक हमले में अब तक 300 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, 1500 से ज्यादा इस्राइली घायल भी हुए हैं। इस बीच इस्राइल की तरफ से गाजा पट्टी पर हमले जारी हैं। इनमें 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। बताया गया है कि हमास ने न सिर्फ इस्राइल पर रॉकेट हमले किए, बल्कि उसके क्षेत्र में घुसकर कई नागरिकों और सैनिकों को बंधक भी बना लिया है। इस हमले के बीच अब दुनियाभर में इस्राइल के खुफिया तंत्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
हमास ने इस्राइल के घेरने के लिए हवा, जमीन और समुद्र तीनों रास्तों का इस्तेमाल किया। इन हमलों के बाद इस्राइल की खुफिया एजेंसियों की देश के संरक्षक के तौर पर काम करने वाली छवि को गहरी चोट पहुंची है। खासकर विदेशी खुफिया एजेंसी मोसाद और घरेलू खुफिया एजेंसी शिन बेत की तरफ से इतनी बड़ी तैयारी को न पहचान पाने की वजह से।
विशेषज्ञों की मानें तो इस्राइल में यह समय छुट्टियों का है। इसके बावजूद पड़ोस से ही हुए इतने बड़े हमले के लिए तैयार न रहना इस्राइल की ढीली सतर्कता का नतीजा रहा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस्राइल इस वक्त ईरान का मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही पड़ोस में पैदा हुई स्थिति की अनदेखी कर दी।
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ ने एक पूर्व खुफिया प्रमुख अमोस याडलिन के हवाले से कहा कि हमले से खुफिया जानकारी की विफलता नजर आती है। कुछ विशेषज्ञ सरकार द्वारा शुरू की गई न्यायिक सुधार योजना के मद्देनजर इजराइल के भीतर आंतरिक विभाजन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इस्राइली सरकार के अधिकारी युद्ध जैसी स्थिति में इजराइल की तैयारियों के बारे में चिंतित नजर आये और देशभर में आश्रय केंद्रों की जांच की। इस्राइल ने हाल में हमास के साथ संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति की घरेलू बाधाओं के कारण चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया।
इस्राइल की जमीनी सुरक्षा बहुत चाक चौबंद होती है। गाजा और इस्राइल के बीच मजबूत बाड़बंदी भी है। सीमा पर सेंसर के साथ कैमरे लगे हैं और सेना लगाता गश्त करती रहती है। दीवारों के ऊपर कंटीले तार लगे हैं जहां ऐसी घुसपैठ की संभावना न्यूनतम हो जाती है जैसी इस बार हुई है। लेकिन इस बार हमास के लड़ाकों ने इन दीवारों को बुलडोजर से ढहा दिया, तारों को काट दिया और समंदर के रास्ते और पैराग्लाइडर के सहारे इसराइल में घुस गए। सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विफलता की जांच शुरू हो गई है।
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