यूपी: हनुमान जयंती आज, पवन पुत्र के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्त, बना पंचग्रही योग

इस बार हनुमान जयंती उनके प्रिय दिन शनिवार को है । ऐसा होने से इस जयंती पर्व की महत्ता और भी बढ़ गई है। हनुमान जन्मोत्सव पर हस्त,चित्रा नक्षत्र के साथ हर्षण योग, बुधादित्य योग तथा मीन राशि में पांच ग्रहों की युति से पंचग्रही योग बन रहा है।

Apr 12, 2025 - 10:09
 0  81
यूपी: हनुमान जयंती आज, पवन पुत्र के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्त, बना पंचग्रही योग

प्रयागराज (आरएनआई) मनोजवं मारुततुल्य वेगं, जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम वातात्मजं वानरयूथ मुख्य, श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये...। पवन से भी अधिक वेगवान भगवान शिव के 11वें अवतार रामभक्त हनुमान की जयंती पर इस बार अद्भुत संयोग है। पांच ग्रहों की युति से मिलकर पंचग्रही योग बना है। इस दुर्लभ संयोग में हनुमान जी की आराधना से भक्तों के बिगड़े काम भी बनने के योग हैं। शहर के हनुमान मंदिरों को जयंती पर रंग-बिरंगे फूलों, हरी पत्तियों और ध्वजा-पताकाओं से सजाया गया है। 

इस बार हनुमान जयंती उनके प्रिय दिन शनिवार को है । ऐसा होने से इस जयंती पर्व की महत्ता और भी बढ़ गई है। हनुमान जन्मोत्सव पर हस्त,चित्रा नक्षत्र के साथ हर्षण योग, बुधादित्य योग तथा मीन राशि में पांच ग्रहों की युति से पंचग्रही योग बन रहा है। ऐसे में हनुमान जी की आराधना से सभी प्रकार के कष्ट दूर होंगे। ज्योतिषाचार्य प्रो. ब्रजेंद्र मिश्र के मुताबिक इस जयंती पर हनुमान जी की आराधना से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। जिन भी जातकों की कुंडली में शनि की ढैया साढ़े साती के अलावा महादशा एवं अंतर्दशा चल रही है ,उनको हनुमान जी की शनिवार को विशेष पूजा अर्चना करने से लाभ प्राप्त होगा।

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ शनिवार -3:24 से 13 अप्रैल प्रातः 5:54 तक।
चंद्रोदय का समय सायंकाल 6:18
अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:56 से 12:47 तक।

ज्योतिषाचार्य कावेरी मुखर्जी बताती हैं कि जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो मुख्यतः चंद्रमा छठवें और आठवें,12वे भाव में विराजमान हो तथा चंद्रमा की युति राहु, केतु या शनि के साथ हो तो ऐसी स्थिति में जो जातक पूर्णिमा का उपवास प्रारंभ करना चाहते हैं वह चैत्र पूर्णिमा से प्रारंभ कर सकते हैं। पूर्णिमा का उपवास रखने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। संतान को लेकर कोई समस्या है या वैवाहिक जीवन में कोई बाधा आ रही है तो पूर्णिमा के उपवास मात्र से ही सभी कष्टों का शमन हो जाएगा। सफेद वस्तुओं का दान सबसे लाभकारी होगा।

ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर दैनिक कार्यों से निवृत्त हो स्नान करें। हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें। पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। हनुमान जी को गंगाजल से स्नान कराकर लाल, भगवा चोला अर्पित करें। घी की अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और हनुमान जी को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, लाल पुष्प चढ़ाएं। गुड़, चना, बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू भोग प्रदान करें। बाएं तरफ जल रखें।

मंत्र: 
हनुमान जयंती पर पर इन मंत्रों का उच्चारण करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होगी।

1– ऊं नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

2– ऊं नमो भगवते हनुमते नम:।
हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं, सुंदरकांड, रुद्राष्टकम का पाठ करना अत्यंत शुभ फलकारी रहेगा।

यदि आप शत्रु बाधा, आर्थिक संकट एवं रोग, शोक से पीड़ित हैं हनुमान जन्मोत्सव पर प्रातः काल स्नान के बाद पीले या लाल वस्त्र धारण करें। हनुमान जी के सम्मुख चमेली के तेल से दीपक जलाएं। सिंदूर लेप बजरंगबली को अर्पित करें। लाल या नारंगी रंग का चोला चढ़ाएं एवं गुलाब के फूल की माला हनुमानजी को अर्पित करें। इसके उपरांत एक पान का पत्ता ले ध्यान रखें जो खंडित ना हो। इसके ऊपर थोड़ा सा गुड़ व चना रखकर हनुमान जी को भोग लगाएं। सुंदरकांड, हनुमान चालीसा एवं श्रीराम रक्षा स्त्रोत, हनुमानष्टक का पाठ करें।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.