हत्या के अपराध में पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा

Oct 3, 2024 - 19:44
Oct 3, 2024 - 19:45
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हत्या के अपराध में पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा

गुना (आरएनआई) घटना जामनेर थाना ग्राम चौड़ाखेड़ी की अपर लोक अभियोजक राघौगढ़ राकेश व्यास ने बताया की दिनांक 17 मार्च 2019 को फरियादी दिनेश ने देवेंद्र प्रताप सिंह ,संतोष के समक्ष इस आशय की मौखिक  रिपोर्ट की की उक्त दिनांक को करीब 4:30 बजे का समय था वह अपने घर से गढ़ा वाले खेत पर जा रहा था तभी उसने देखा कि फूल सिंह किरार, जितेंद्र किरार अपने हाथों में कुल्हाड़ी लेकर एवं जमनालाल किरार महाराज सिंह किरार राजा राम किरार व रमेश किरार अपने हाथों में लाठी फारसी लेकर उसके पिता को घेर कर खड़े थे तभी फूल सिंह ने उसके पिता की गर्दन में कुल्हाड़ी मारी खून निकल आया और जितेंद्र उर्फ जीतू ने दूसरी कुल्हाड़ी उसके पिता के चेहरे पर मारी जिससे वह जमीन पर गिर गया यह सब देखकर वह चिल्लाया तो उन सभी ने उसके पिता शिवनारायण मीना को मारते हुए बीच खेत में धनिया के गंज के पास लिटाकर माचिस की तीली से आग लगाकर भाग गए फिर उसने अपने पिता को धनिया की जलते हुई गंज से अलग किया ,तभी उसकी चिल्लाचोट सुनकर उसका चाचा इंदर सिंह एवं भाई प्रताप सिंह आ गए उक्त सभी लोगों को उसने एवं चाचा इंदर सिंह व भाई प्रताप ने भागते हुए देखा है ।उसी समय गांव वाले एवं  उसके परिवार वाले भी आ गए थे। फूल सिंह की पत्नी जो कि दो-तीन महीने पहले किसी के साथ गांव से चली गई थी जिसकी फूल सिंह उसके पिता पर शंका  करते थे । इसी शंका को लेकर उक्त लोगों ने एक राय होकर धारदार हथियार कुल्हाड़ी से चोट पहुंचाकर उसके पिता की हत्या कर दी तथा साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य धनिया के गंज में उसके पिता की लाश को लेटाकर आग लगा दी। 

उक्त हत्या जैसी बड़ी घटना होने का कारण मूलत: यह रहा की फूल सिंह किरार की पत्नी कहीं चली गई थी जिसकी शंका फूल सिंह उसका बेटा जितेंद्र एवं सभी परिवार वाले मृतक शिवनारायण के साथ कहीं जाने की कर रहे थे इसी शंका के कारण आरोपीगण शिवनारायण की कुलहड़ियों से हत्या कर दी थी ।

फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर से मौके पर ही 0/19 अंतर्गत धारा 302 ,201 147 ,148 एवं 149 भारतीय दंड विधान की देहाती नलसी लेख कर असल कायमी  हेतु थाना जामनेर लाकर पेश किए जाने पर थाने के अपराध क्रमांक 53/19 अंतर्गत  धारा 302, 201 ,147 ,148 ,149 भादवि की असल प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई। 

दौरानी विवेचनाघटनास्थल का मौका नक्शा बनाया गया एवं मौके से खून आलूदा एवं सदा मिट्टी जप्त कर मृतक शिवरीनारायण का पीएम करा कर रिपोर्ट  प्राप्त की तथा साक्षी इंदर सिंह प्रताप दिनेश के कथन लिये गए । आरोपीगण को गिरफ्तार का गिरफ्तारी पंचनामा बनाए गए तथा आरोपीगण  से पूछताछ कर उनके मेमोरेंडम अंतर्गत धारा 27 साक्ष विधान के तैयार किए गए । आरोपी फूल सिंह एवं जितेंद्र उर्फ जीतू से कुल्हाड़ी अभियुक्त महाराज सिंह से फारसी राजाराम  व रमेश से लाठी  जप्त कर जप्ती पत्रक तैयार किये  गये। दिनांक 13/09/2019 को अस्पताल राघोगढ़ से मृतक के सील बंद पैकेट में कपड़े जप्त किये तत्पश्चात प्रकरण के जप्तशुदा  माल को एफएसएल ग्वालियर भेज कर जमा रसीद प्राप्त की गई । संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्तगण फूल सिंह ,जितेंद्र उर्फ जीतू ,जमुनालाल ,महाराज सिंह, राजाराम एवं रमेश के विरुद्ध अपराध धारा 302 ,201 ,147 ,148, 149 भा.द.वि. में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।

उक्त प्रकरण अपर सत्र न्यायाधीश महोदय राघोगढ़ के सत्र प्रकरण क्रमांक 44 /19 पर दर्ज होकर विचरण प्रारंभ किया गया , न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरुद्ध आरोप विरचित कर प्रकरण में  साक्ष प्रारंभ की गई अभियोजन द्वारा प्रकरण के समर्थन में 6 साक्षी न्यायालय में परीक्षित करये एवं प्रकरण के समर्थन में 26 दस्तावेज न्यायालय में प्रदर्शित किये गये। 

अभियुक्त परीक्षण में अभियुक्त जितेंद्र उर्फ जीतू किरार द्वारा यह स्वीकारोक्ति की गई की मृतक शिवनारायण को केवल उसी के द्वारा मारा गया है घटना के समय अन्य आरोपीगण उपस्थित नहीं थे बचाव पक्ष द्वारा आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू की साक्ष्य न्यायालय में भी करवाई  जिसमें उसने स्वीकार किया की घटना उसके द्वारा ही कारित की गई है अन्य आरोपीगण घटना के समय उपस्थित नहीं थे। अभियोजन न्यायालय में अपने प्रकरण को संदेश से  परे प्रमाणित करने में सफल रहा किंतु प्रकरण में आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू की स्वीकारोक्ति  के कारण एवं साक्ष्य के विवेचन उपरांत न्यायालय ने जितेंद्र उर्फ जीतू एवं आरोपी फूल सिंह को ही हत्या के अपराध का दोषी पाया न्यायालय द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अपराध में  दोनों पिता पुत्र को आजीवन कारावास एवं 5000-5000 के अर्थदंड से दंडित किये जाने की सजा सुनाई गई  प्रकरण में शासन की और से राकेश व्यास अपार लोको अभियोजक द्वारा पैरवी की गई।

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