गुना (आरएनआई) मीडिया प्रभारी श्रीमती ममता दीक्षित एडीपीओ गुना द्वारा बताया गया कि फरियादी बीरेंद्र मीना ने थाना पर रिपोर्ट किया कि मेरा मकान आरोन में राधौगढ रोड पर सूरज मैरिज गार्डन के पास है, मकान मैंने अभी कुछ समय पहले ही बनवाया है जिसका अभी कुछ काम बाकी है। फरियादी द्वारा मकान को करीब 15 दिन पहले हीरा गुर्जर ग्राम इंदरपुर को एक हजार रूपये महीने से किराये पर दिया है। तभी से हीरा गुर्जर मेरे मकान में रह रहा है। मैं अपने मकान पर आज से करीब दो दिन पहले आया था तब वहां हीरा गुर्जर के साथ एक बाबा भी कमरे में बैठा दिखा था तब मैंने हीरा गुर्जर से पूछा कि यह बाबा कौन है तब हीरा गुर्जर ने बताया कि यह मांगीलाल राजपूत बाबा निवासी नादनी जिला राजगढ का है। तब मैं वहां से चला आया था आज दिनांक 30.03.2023 सुबह करीब 08 बजे मैं आरोन आया तो अपने मकान पर गया तो मकान पर हीरा गुर्जर और मांगीलाल बाबा दोनों मकान पर बैठ कर बातें करते दिखे फिर मैं अपने घर चला गया था। आज शाम करीब 05 बजे हीरा गुर्जर के भतीजे बिक्रम गुर्जर ने उसे फोन करके बताया कि चाचा हीरा आरोन से घर पर आये हैं और वह कह रहे हैं कि उसने बीरेंद्र के मकान में मांगीलाल बाबा को मार दिया है वह अपने मकान पर जाकर देख ले तब वह अपने घर से आरोन अपने मकान पर आया और चद्दर के गैट वाले कमरे में देखा तो मांगीलाल बाबा की लाश कमरे के फर्स पर अध जली हालत में पडी दिखी लाश के पास कुछ जली हुई हड्डियां और राख पडी है तथा आग से कमरे की छत व ऊपर की दीवालें काली पड गई है। बाबा के मुंह और नाक से खून निकला है। दाहिना हाथ टूटा हुआ दिख रहा है। फिर मैं कमरे का गैट बंद करके हीरा गुर्जर को तलाश ने उसके घर ग्राम इंदरपुर गया तो हीरा घर पर नहीं मिला फिर मैंने आस पास हीरा गुर्जर को ढूंढा नहीं मिला है, मांगीलाल राजपूत बाबा निवासी नादनी जिला राजगढ की हीरा गुर्जर ने हत्या कर दी है तथा सबूत मिटाने की नियत से लाश को जलाने की कोशिश की है। रिपोर्ट पर से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया । संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया
माननीय विशेष न्यायालय आरिफ खान पटेल जिला गुना में पैरवी करते हुए श्री के.जी राठौर एडीपीओ गुना द्वारा विधिक तथ्य रखे जिससे अभियोजन यह प्रमाणित करने में सफल रहा कि आरोपी ने ही मृतक की हत्या की और हत्या करने के उपरांत आरोपी ने मृतक की लाश को जलाकर साक्ष्य विलोपन का अपराध किया। जिससे माननीय न्यायालय ने आरोपी को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास व 2000/- रूपये अर्थदंड तथा धारा 201 भादवि में 7 साल का कारावास व 1000/- रूपये से दंडित किया। एडीपीओ के.जी. राठौर की सहायता उनके रीडर जयवीर राठौर द्वारा की गई।
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