स्वास्थ्य विभाग टीम ने पैथोलॉजी लैब पर की छापेमार कार्रवाई, 2 लैब पर लगाया ताला
डबरा (आरएनआई) ग्वालियर जिला कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर के राजोरिया द्वारा सोमवार को पैथोलॉजी की जांच के लिए एक टीम को भितरवार भेजा गया। इस दौरान जिले से डॉ विजय पाठक और संजय जोशी अधिकारियों की टीम ने कस्बे के अंदर संचालित पैथोलॉजी का जांच किया। वहीं रजिस्ट्रेशन ना होने पर दो दुकानों को बंद कराया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस प्रकार की कार्रवाई से अवैध रुप से पैथोलॉजी की आड़ में गोरख धंधा चला रहे संचालकों के बीच में हड़कंप मच गया।
टीम ने सामुदायिक अस्पताल के सामने एक मकान के अंदर संचालित ग्लोबल पैथोलॉजी लैब एवं मुस्कान डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से संचालित लैब का निरीक्षण किया तो वहां दोनों ही लैबों के संचालक नहीं मिले। इस दौरान ग्लोबल पैथोलॉजी लैब पर प्रदीप नाम का युवक मिला तो वहीं मुस्कान डायग्नोस्टिक सेंटर पर भूपेंद्र सिंह नाम का युवक मिला, जोकि जांच के लिए आए अधिकारियों को पूरी तरह से नौसिखिया कर्मचारी के रूप में कार्यरत मिले। इस पर अधिकारियों के द्वारा मौके पर पंचनामा बनाते हुए दोनों ही सेंटरों को बंद करा दिया। वहीं दोनों ही युवकों को निर्देश दिया कि जब तक इसका रजिस्ट्रेशन ना करा लें तब इसका संचालन ना करें।
हालांकि, शहर में कई पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही थी। लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर आई टीम द्वारा अवैध रूप से संचालित हो रही पैथेलॉजी लैब पर जिस प्रकार की कार्रवाई की जानी चाहिए थी उस प्रकार की कार्रवाई देखने को नहीं मिली, जिसके चलते शहर के बुद्धिजीवियों ने पैथोलॉजी संचालकों से सांठ-गांठ करने का आरोप लगाया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर कस्बे के कई पैथोलॉजी संचालक अपनी दुकानों पर ताला लगाकर नदारद हो गए। इससे एक बात सिद्ध होती है कि कहीं ना कहीं पैथोलॉजी लैब अवैध रूप से संचालित हो रहीं हैं और गरीबों को खुलेआम लूटा जा रहा है। ऐसे पैथोलॉजी लैब संचालकों पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करना चाहिए, जिससे की जिले के अंदर इस प्रकार के कारोबारीयों पर पूरी तरह अंकुश लग सके।
आर के राजोरिया जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पैथोलॉजी लैब पर कार्रवाई करने के लिए भितरवार पहुंची थी। भितरवार से लौटने के बाद टीम के सदस्यों से अभी मेरा संपर्क नहीं हुआ जैसा कि आपने बताया है कि कुछ पैथॉलाजी और रह चुकी हैं, ऐसी पैथोलॉजी लैब को भी संज्ञान में लिया जाएगा और दस्तावेज न मिलने की एवज में उन पर उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
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