स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है 50% तक कैंसर, पूरी तरह बंद करें प्रोसेस्ड मीट खाना

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च आन कैंसर (आईएआरसी) के 10 देशों के 22 विशेषज्ञों के समूह ने पाया कि प्रतिदिन 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट खाने से कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना 18 फीसदी बढ़ जाती है।

Feb 22, 2025 - 13:00
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स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है 50% तक कैंसर, पूरी तरह बंद करें प्रोसेस्ड मीट खाना

नई दिल्ली (आरएनआई) स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कैंसर को 50 फीसदी तक रोका जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके लिए प्रोसेस्ड मीट खाने से बचने के साथ ही ताजे मीट या पौधे आधारित प्रोटीन उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया है।

कई अध्ययनों में पाया गया है कि लाल मांस खाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, जिससे हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर पर शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी (आईएआरसी) के अनुसार प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) मांस कैंसर का प्रमुख कारण है। प्रसंस्कृत मांस में बेकन, सलामी, बोलोग्ना, हॉट डॉग, सॉसेज, कॉर्न बीफ, पास्टरमी, डिब्बाबंद मांस और हैम शामिल हैं। इस श्रेणी में वह मांस भी शामिल है जिसे स्मॉक्ड, ट्रीटेड, साल्टेड या प्रिजर्वेटिव करके संरक्षित किया जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मांस की खपत में वृद्धि से किडनी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह प्रभाव उन लोगों पर विशेष रूप से अधिक था जो अपने मांस को ग्रिल करते हैं, चाहे वह लाल हो या सफेद मांस।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च आन कैंसर (आईएआरसी) के 10 देशों के 22 विशेषज्ञों के समूह ने पाया कि प्रतिदिन 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट खाने से कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना 18 फीसदी बढ़ जाती है। सटर पैसिफिक मेडिकल फाउंडेशन के इंटर्निस्ट, टोनी ब्रेयर कहते हैं कि प्रोसेस्ड मीट अनिवार्य रूप से कैंसरकारी होते हैं। यह विशेष रूप से अग्नाशय, प्रोस्टेट, पेट और कोलोरेक्टल कैंसर की उच्च घटनाओं का कारण बनता है। आईएआरसी ने यह भी कहा कि लाल मांस के ताजा टुकड़े भी संभवतः कैंसर का कारण बनते हैं। प्रोसेस्ड मीट को अब मादक पेय, एस्बेस्टस, आर्सेनिक, डीजल इंजन के धुएं और सिगरेट के समान ही कैंसरकारी श्रेणी में रखा गया है।

मांस को ग्रिल पर डालने के बजाय पोषण विशेषज्ञ मांस को पकाने या उबालने का सुझाव देते हैं। कई लोग तो लोगों को शाकाहारी बनकर मांस खाना पूरी तरह से बंद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो डॉ. ब्रेयर कहते हैं कि मांस खाने से कैंसर होने की संभावना को कम करने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। पहला यह  कि आप कितना मांस खाते हैं, इसे सीमित करें। अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च लोगों को सलाह देता है कि वे प्रति सप्ताह 18 औंस या प्रति सर्विंग लगभग 50 ग्राम से ज्यादा लाल मांस न खाएं। संस्थान यह भी सुझाव देता है कि लोग प्रोसेस्ड मीट खाना पूरी तरह से बंद कर दें।

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