स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हुआ 10 जून का दिन, सीएम शिवराज ने बहनों के खाते में डाले 1000 रुपये, 1 करोड़ 26 लाख महिलाओं के खाते में अंतरित की राशि

लाड़ली बहना योजना के तहत 3 हजार रुपये महीने देंगे शिवराज भैया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का क्रांतिकारी ऐलान, 21 साल की महिला को भी मिलेगा लाड़ली बहना योजना का लाभ, 5 पांच साल बाद सभी बहनों को बना दूंगा लखपति, 10 हजार रुपये प्रतिमाह की जाएगी बहनों की कमाई

Jun 10, 2023 - 21:22
Jun 10, 2023 - 21:22
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स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हुआ 10 जून का दिन, सीएम शिवराज ने बहनों के खाते में डाले 1000 रुपये, 1 करोड़ 26 लाख महिलाओं के खाते में अंतरित की राशि

जबलपुर-गुना। लाड़ली बहना योजना भले ही 1 हजार रुपये से शुरू हुई है, लेकिन कुछ दिन बाद बहनों को हर महीने 3 हजार रुपये दिये जाएंगे। यह बड़ा ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। 21 साल की बहना को भी लाड़ली बहनों को 1 हजार रुपये महीने दिये जाएंगे। सीएम ने कहा कि अभी तो अंगड़ाई है। हमने अभी 1 हजार से योजना शुरू की है, लेकिन धीरे—धीरे राशि बढ़ाई जाएगी। आज आपके खाते में 1000 रुपये डाल रहा हूं। कुछ दिन बाद उसके बाद 1250 करूंगा उसके बाद 1500 रुपये कर दूंगा, फिर पैसे का इंतजाम हो जाएगा तो 1750 कर दूंगा, उसके बाद 2000 रुपये महीने दूंगा। जैसे—जैसे बजट का इंतजाम होते जाएगा, बहनों को हर महीने 3 हजार रुपये महीने दिये जाएंगे। 3 हजार महीने खाते में आने से बहनों का जीवन बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि बेटी को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिल रहा है, मां को लाड़ली बहना योजना की राशि मिलेगी। बुजुर्ग महिला को 1000 रुपये पेंशन जब मिलेगी। इससे घर की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

सीएम ने कहा कि 10 जून 2023 का दिन मध्य प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना' योजना के तहत रिमोट की बटन दबाते ही प्रदेश की 1 करोड़ 25 लाख महिलाओं के खाते में 1 हजार रुपये पहुंच गए। जबलपुर में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज प्रदेश के सभी महिलाओं से वर्चुअली जुड़े और उन्हें संबोधित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा— आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है। राशि अंतरित करने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खेरमाई माता जी का पूजा—अर्चना करके प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं कल्याण की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियां अब बोझ नहीं, वरदान हैं। प्रदेश में बेटियों की शादी बोझ न रहे, इसके लिए सबसे पहले साल 2006 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना लागू की गई थी। इसके बाद वर्ष 2007 में लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई, जिससे लिंगानुपात में सुधार आया है। वर्ष 2012 में एक हजार बेटों पर 912 बेटियां जन्म लेती थी। अब यह अनुपात 956 हो गया है। बेटियों के जन्म लेने पर लोग अब खुशियां मनाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं का सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय निकायों के निर्वाचन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है। महिलाएं स्थानीय प्रशासन में अच्छी भागीदारी निभा रही हैं। बेटियों को पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत और शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षणदिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के नाम पर मकान, जमीन और अन्य सम्पत्ति की खरीदी पर रजिस्ट्री शुल्क में छूट देने से महिलाओं के नाम रजिस्ट्री की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

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