सेबी प्रमुख माधवी बुच पर राहुल गांधी के हमले तेज, कहा- देश में 'एकाधिकार बचाओ' सिंडिकेट सक्रिय
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि माधवी पुरी बुच ने अपनी संपत्ति इंडियाबुल्स समूह से जुड़े एक व्यक्ति के जरिये संबंधित कंपनी को किराये पर दे दी, जबकि यह कंपनी सेबी की जांच के दायरे में थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच पर लगे हितों के टकराव के आरोपों को लेकर कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के हमले लगातार जारी हैं। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के साथ बातचीत का तीसरा वीडियो जारी करते हुए कहा कि देश में ‘एकाधिकार बचाओ सिंडिकेट’ सक्रिय है। इस सिडिंकेट के तहत अदाणी समूह, प्रमुख नियामक संस्थाएं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच की खतरनाक सांठगांठ है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अदाणी डिफेंस की वेबसाइट से पता चलता है कि कैसे कंपनी केवल विदेश निर्मित हथियारों की रीब्रांडिंग करके मुनाफा कमाती है, जबकि युवा सैनिकों और उनके परिवारों के प्रशिक्षण, पेंशन और कल्याण के लिए जरूरी राशि को अग्निपथ जैसी योजनाओं के माध्यम से हटा दिया जाता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता है और हमारे युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रहा है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि माधवी पुरी बुच ने अपनी संपत्ति इंडियाबुल्स समूह से जुड़े एक व्यक्ति से संबंधित कंपनी को किराये पर दे दी, जबकि यह कंपनी सेबी की जांच के दायरे में थी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि बुच प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़ी हुई हैं और इसमें उनकी इक्विटी है। सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद भी उनके कंपनी में शेयर थे। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करने वाली कंपनी जेसेसा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड का नाम पैराडाइज पेपर्स मामले में सामने आया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्षों से कड़ी मेहनत से बनाई गई सेबी की पवित्रता को नष्ट कर दिया है। इससे करोड़ों छोटे और मध्यम निवेशकों की मेहनत से अर्जित बचत खतरे में पड़ गई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि नरेंद्र मोदी अपने द्वारा नियुक्त अध्यक्ष के तहत सेबी में पैदा हुई सड़ांध को छिपा नहीं सकते। लगातार हो रहे खुलासों से उनकी स्थिति अस्थिर हो गई है। आपने सेबी की पवित्रता को नष्ट कर दिया है। इससे करोड़ों छोटे और मझोले निवेशकों की कमाई को खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि यह इस बात को भी उजागर करता है कि आपने अपने प्रिय मित्र अदाणी के लिए एकाधिकार कैसे बनाया। इस सिंडिकेट के हर पहलू की जांच के लिए एक संपूर्ण संसदीय समिति की आवश्यकता है।
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