सूर्यकुमार ने जारी रखी धोनी की प्रथा, सीरीज जीतने के बाद रिंकू-जितेश को सौंपी ट्रॉफी
ट्रॉफी लेने के बाद सूर्या सीधे रिंकू सिंह और जितेश शर्मा के पास पहुंचे जो चैंपियन प्लेकार्ड के ठीक पीछे और सभी खिलाड़ियों के बीच में खड़े थे। रिंकू और जितेश ने साथ मिलकर ट्रॉफी उठाई।
बंगलूरू, (आरएनआई) भारत ने पांचवें टी20 में ऑस्ट्रेलिया को छह रन से हरा दिया। इस जीत के साथ पांच मैचों की टी20 सीरीज टीम इंडिया ने 4-1 से अपने नाम की। यह बतौर कप्तान सूर्यकुमार यादव की पहली टी20 सीरीज थी और उसी में उन्होंने जीत हासिल की। सीरीज जीतने के बाद जब सूर्यकुमार यादव को ट्रॉफी थमाई गई तो उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी द्वारा चालू की गई प्रथा को कायम रखा और सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले युवाओं को ट्रॉफी सौंप दी। इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है और लोग सूर्या के जेस्चर की तारीफ भी कर रहे हैं।
ट्रॉफी लेने के बाद सूर्या सीधे रिंकू सिंह और जितेश शर्मा के पास पहुंचे जो चैंपियन प्लेकार्ड के ठीक पीछे और सभी खिलाड़ियों के बीच में खड़े थे। रिंकू और जितेश ने साथ मिलकर ट्रॉफी उठाई। दोनों बेहद खुश दिखे। रिंकू ने जहां इस सीरीज में पांच पारियों में 52.50 की औसत और 175 के स्ट्राइक रेट से 105 रन बनाए, वहीं जितेश शर्मा को आखिरी दो टी20 खेलने का मौका मिला और उन्होंने 29.50 की औसत और 168.57 के स्ट्राइक रेट से 59 रन बनाए। दोनों मैचों में उन्होंने आखिर में छोटी मगर महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। रिंकू ने अपने मैच फिनिशिंग स्किल से सभी को प्रभावित किया।
मैच के बाद सूर्यकुमार यादव ने कहा कि यह एक अच्छी सीरीज थी। जिस तरह से लड़कों ने अपनी स्किल दिखाई वह सराहनीय था। हम निडर होकर खेलना चाहते थे। मैंने अपने खिलाड़ियों से कहा था कि जो भी सही हो वो करो और बस अपने खेल का आनंद लो और उन्होंने वैसा ही किया। इससे बहुत खुश हूं। अगर वॉशिंगटन सुंदर इस मैच में खेलते होते तो यह एक ऐड-ऑन होता। चिन्नास्वामी में 200+ का पीछा करना आसान है। 160-175 यहां एक ट्रिकी स्कोर है। 10 ओवर के बाद मैंने लड़कों से कहा कि यह मैच अब टक्कर की होगी।
सूर्या ने कहा- सीरीज जीतकर अच्छा लग रहा है। बतौर कप्तान सीरीज जीतना अच्छा है और लाइफ में एक नया एंगल आया है। मैंने अर्शदीप सिंह को देखा है मुश्किल परिस्थिति में गेंदबाजी करते हुए और फ्रेंचाइजी क्रिकेट में काफी बार उन्होंने डेथ ओवर में गेंदबाजी की है। इसलिए मैंने उनका ही ओवर आखिरी के लिए बचाकर रखा था। टी20 क्रिकेट सब लोग बोलते हैं कि बल्लेबाजों का गेम है। बल्लेबाज तो मैच जिताते ही हैं, लेकिन गेंदबाज आपको सीरीज जिताते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मैथ्यू वेड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारत ने 20 ओवर में आठ विकेट पर 160 रन बनाए। भारत के लिए यशस्वी ने 15 गेंद में एक चौका और दो छक्के की मदद से 21 रन, जितेश शर्मा ने 16 गेंद में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 24 रन, अक्षर पटेल ने 21 गेंद में दो चौके और एक छक्के की मदद से 31 रन की पारी खेली। वहीं, श्रेयस अय्यर ने 37 गेंद में पांच चौके और दो छक्के की मदद से 53 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जेसन बेहरनडॉर्फ और बेन ड्वारशुइस ने दो-दो विकेट लिए। वहीं, एरॉन हार्डी, नाथन एलिस और तनवीर सांघा को एक-एक विकेट मिला।
जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 154 रन ही बना सकी। उसके लिए बेन मैकडरमॉट ने सबसे ज्यादा 54 रन बनाए, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला सके। ट्रेविस हेड ने 28 और मैथ्यू वेड ने 22 रन बनाए। टिम डेविड 17 और मैथ्यू शॉर्ट 16 रन बनाकर आउट हुए। एरॉन हार्डी छह और जोश फिलिप चार रन ही बना सके। भारत के लिए मुकेश कुमार ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। अर्शदीप सिंह और रवि बिश्नोई को दो-दो सफलता मिली। अक्षर पटेल ने एक विकेट लिया।
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