सुलतानपुर: अच्छी संगत से मिलती है सत्कर्मों की प्रेरणा : ज्योति किशोरी

सुलतानपुर (आरएनआई) भागवत कथा श्रवण से सत्कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। भगवान कृष्ण ने लीलाओं के माध्यम से आदर्श को स्थापित किया जो आज के दिन भी अति प्रासंगिक है।
यह बातें श्रीमद् भागवत कथा की द्वितीय दिवस पर वृंदावन धाम से पधारी अन्तर्राष्ट्रीय कथा वाचिका ज्योति किशोरी करौदीकला के असलहुद्दीनपुर में कहीं। भागवत कथा सुनने से पाप दूर होते हैं। भगवान श्री कृष्ण गीता में कहा हैं कि कलयुग में भागवत कथा का श्रवण मात्र से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है। कर्म को सबसे बड़े धर्म की संज्ञा दी गई है।
किशोरी जी ने कहा कि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जिसमें सोचने एवं समझने की चेतना होती है।
इस जीवन में अच्छे कर्म कर प्राणी हमेशा के लिए जन्म मृत्यु से मुक्ति पाकर परमधाम को प्राप्त कर सकता है। मनुष्य को चाहिए कि वह मानव धर्म की रक्षा करते हुए सच्चे मार्ग पर चलें। काम क्रोध लोभ मोह का त्याग कर ईश्वर की ओर ध्यान देना चाहिए। भागवत सुनने से पीड़ा से मुक्ति मिलती है एवं सच्चे सुख का मार्ग प्रशस्त होता है। किशोरी जी ने कहा की भागवत कथा समाज में प्रेम की संदेश देता है। सामाजिक सदभाव एवं शांति एवं आपसी भाईचारा के लिए भागवत कथा जरूरी है। कथा श्रवण से कष्ट दूर होते हैं । ईश्वर को पाने के लिए मंदिर में भटकने की जरूरत नहीं है वह तो सभी जगह विराजमान है। भागवत कथा श्रवण से सत्कर्म करने की प्रेरणा मिलती है।
इस मौके पर आयोजक कृपा शंकर उपाध्याय, शिवम् उपाध्याय,प्रधान मनोज तिवारी ,अंजनी उपाध्याय,राहुल मिश्र,श्रीकांत उपाध्याय,जगदंबा प्रसाद उपाध्याय,श्याम नारायण उपाध्याय,विजय प्रकाश उपाध्याय,विकाश उपाध्याय,जयनारायण उपाध्याय
संयोजक कृपा शंकर उपाध्याय एवं शिवम उपाध्याय ने आए हुए सभी श्रोतागण का आभार व्यक्त किया संचालन श्याम चन्द्र श्रीवास्तव ने किया।
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