सुरक्षा कारणों से नासिक जेल भेजा गया गैंगस्टर अबू सलेम
गैंगस्टर अबू सलेम को नवी मुंबई की तलोजा जेल से नासिक जेल में भेजा गया है। साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सलेम को सुरक्षा कारणों से नासिक जेल में स्थानांतरित किया गया है।
मुंबई (आरएनआई) गैंगस्टर अबू सलेम को तलोजा जेल में मरम्मत कार्य के कारण नासिक की जेल में स्थानांतरित किया गया है। जेल अधिकारियों ने विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि सुरक्षा कारणों से अबू सलेम को नासिक जेल में भेजा जाना चाहिए। तलोजा जेल के अंदर उच्च सुरक्षा वाली कोठरी की खस्ता हालत का हवाला देते हुए जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया था कि जेल में तत्काल मरम्मत कराए जाने की जरूरत है। ऐसे में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सलेम को नासिक की जेल में भेजा जाना चाहिए। जेल अधिकारियों की चिंता देखते हुए आज सुबह करीब 11.30 बजे सलेम को कड़ी सुरक्षा के बीच तलोजा जेल से नासिक भेजा गया।
1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम को गुरुवार को नासिक केंद्रीय कारावास में स्थानांतरित किया गया। हालांकि, सलेम ने कहा है कि उसे मारने की साजिश के तहत नासिक सेंट्रल भेजा गया है। सलेम का दावा है कि कुछ ही महीनों में उसकी रिहाई की संभावना है। गौरतलब है कि साल 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किए गए सलेम को 1993 के मुंबई बम धमाका मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
बुधवार को सलेम की याचिका पर न्यायमूर्ति एएस गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ में सुनवाई हुई। दोनों जजों ने बिना कोई कारण बताए खुद को इस मुकदमे से अलग कर लिया। अब दूसरी पीठ में इस मामले की सुनवाई होगी। नवी मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि सलेम एक हाई-प्रोफाइल कैदी है। ऐसे में उसे तलोजा जेल से नासिक सेंट्रल जेल तक पहुंचाने के लिए हरसंभव एहतियात बरती गई। सुरक्षा में तैनात टीम में एक इंस्पेक्टर, कमांडो और जेल विभाग के पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। ठाणे और नासिक दोनों जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों समेत पूरे रास्ते पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक जिस वाहन में सलेम को ले जाया गया, उसमें गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए।
सलेम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि तलोजा जेल उसके लिए सुरक्षित है। उसने आशंका प्रकट की है कि दूसरी जेलों में बंद प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य उस पर हमला कर सकते हैं। बकौल सलेम, 'सजा के इस स्तर पर दूसरी जेल में स्थानांतरण का फैसला अनुचित और दुर्भावनापूर्ण इरादों से प्रेरित है।' बता दें कि सलेम को अदालत ने 1993 बम धमाकों के अलावा मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के मामले में 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अदालतों में लंबित मुकदमों का जिक्र करते हुए सलेम ने हाईकोर्ट के समक्ष कहा कि दूसरी जेल में स्थानांतरित किए जाने से उसकी दिल्ली यात्रा प्रभावित होगी। इससे उसके खिलाफ मुकदमों में देरी भी हो सकती है। सलेम ने तर्क दिया कि उसे तलोजा जेल की ही किसी दूसरी बैरक में रखने का बंदोबस्त किया जा सकता है।
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