सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस को बड़ी राहत, कर वसूली मामले में आयकर विभाग नहीं करेगा कार्रवाई
आयकर विभाग की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 1700 करोड़ रुपये की रिकवरी के मामले में लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
नई दिल्ली (आरएनआई) आयकर विभाग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बलपूर्वक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। आयकर विभाग की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 1700 करोड़ रुपये की रिकवरी के मामले में लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। आयकर विभाग ने मामले की सुनवाई जून तक टालने की मांग की। मेहता ने कहा कि 'हम नहीं चाहते कि चुनाव के दौरान किसी राजनीतिक पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी करें।'
आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने आयकर विभाग की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना बयान दर्ज कराया। मेहता ने कहा कि कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और चूंकि चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में हम कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने आयकर विभाग के इस कदम का स्वागत किया।
आयकर विभाग ने रविवार को कांग्रेस पार्टी को नया नोटिस भेजा था, जिसमें 1745 करोड़ रुपये के टैक्स के भुगतान की मांग की गई थी। इसके साथ ही आयकर विभाग कांग्रेस पार्टी को कुल 3567 करोड़ रुपये की रिकवरी का नोटिस भेज चुका है। ताजा नोटिस 2014-15 (663 करोड़ रुपये) और 2015-16 (करीब 664 करोड़ रुपये), 2016-17 (करीब 417 करोड़ रुपये) से संबंधित है। कांग्रेस का आरोप है कि अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट खत्म कर दी है और पार्टी पर टैक्स लगा दिया है। कांग्रेस नेताओं से जब्त की गई डायरियों में जो तीसरे पक्ष की एंट्रियां हैं, उनके लिए भी कांग्रेस पर टैक्स लगा दिया गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित टैक्स डिमांड के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिए हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
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