सुप्रीम कोर्ट से आजम खां को मिली राहत
विधानसभा चुनाव में आजम खां के खिलाफ दलित समाज के प्रति आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। ट्रायल कोर्ट के आदेश पर सपा नेता के आवाज के नमूने लिए जाने थे, जिसपर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
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नई दिल्ली। (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें समाजवादी पार्टी नेता आजम खां को आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था।
बता दें, आजम पर साल 2007 में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसी मामले में, निचली अदालत ने उन्हें अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था, जिससे भाषण से मिलान करा जा सकता।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां के खिलाफ सात अगस्त 2007 को विधानसभा चुनाव में भाषण के दौरान टांडा थाने में दलित समाज के प्रति आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में बसपा नेता धीरज कुमार शील ने मुकदमा दर्ज कराया था। इससे विभिन्न वर्गों के लोगों में शत्रुता को बढ़ावा दिया और लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत पैदा करने, धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटने का प्रयास किया।
पुलिस ने विवेचना के बाद मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सपा नेता की रिट को खारिज करते हुए आवाज का नमूने देने के आदेश दिए थे। अब इस मामले में एमपी-एमएलए (सेशन ट्रायल) कोर्ट ने पिछले दिनों विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सपा नेता की आवाज का सैंपल लेने के आदेश दिए हैं। विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने इस मामले में 25 अगस्त को प्रयोगशाला में आवाज का नमूना लेने की तारीख तय की थी। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां उन्हें राहत दी गई है।न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने आजम की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया। साथ ही पिछले साल 29 अक्टूबर के ट्रायल कोर्ट के निर्देश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है। बता दें, हाईकोर्ट ने भी इस साल की जुलाई में निचली अदालत का आदेश बरकरार रखा था। खां ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी।
रिपोर्ट के अनुसार, नमूने लेने की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। आजम खां की आवाज का नमूना मजिस्ट्रेट और विवेचक की निगरानी में लिया जाना था। इसके साथ ही दो गवाह भी आवाज का नमूना देते समय मौके पर मौजूद रहते। इसके लिए स्थानीय स्तर पर भी पुलिस और प्रशासनिक अमले ने तैयारियां शुरू कर दी थी। प्रशासन की ओर से डिप्टी कलेक्टर को मजिस्ट्रेट के तौर पर भेजा जाता।सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की आवाज नमूना विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ में 25 अगस्त को होना था। एमपी-एमएलए (सेशन ट्रायल) कोर्ट के आदेश पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ ने सपा नेता को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए लखनऊ बुलाया था। पिछले दिनों प्रयोगशाला की ओर से आवाज का नमूना लेने के लिए समय तय किए जाने के बाद स्थानीय स्तर पर सपा नेता को भी अवगत करा दिया गया था। लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नमूना लेने के लिए पुलिस प्रशासन ने अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी थी।
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