सुप्रीम कोर्ट ने कहा- डॉक्टर्स को अब काम पर लौटना चाहिए; सीबीआई ने सौंपी स्टेट्स रिपोर्ट
कोलकाता में महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के बाद अब आईपीएस जावेद शमीम को बंगाल की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की।
कोलकाता (आरएनआई) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा, 'समस्या काफी ज्यादा है क्योंकि बहुत दूर-दूर से मरीज आते हैं। गरीब मरीज हैं जो निजी अस्पतालों का खर्चा नहीं उठा पाते हैं। बहुत मरीजों की समस्याएं काफी गंभीर होती हैं... चारों तरफ लोगों को समस्या तो हो रही है हालांकि हमारे यहां फैकल्टी कोशिश कर रही है कि वो अधिक से अधिक मरीजों को देखें। मैंने कल भी एक पत्र जारी किया है क्योंकि उन्होंने कहा था कि वे विरोध बंद कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे उम्मीद है कि शायद आज वे विरोध बंद कर देंगे क्योंकि उनकी ज्यादातर मांगे पूरी हो गई हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है।'
कोलकाता मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'डॉक्टर्स समेत स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को काम पर लौटने दें और एक बार जब वे ड्यूटी पर लौट आएंगे तो अदालत अधिकारियों को उन पर कार्रवाई न करने के लिए मनाएगी।' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा कैसे काम करेगा।'
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा है कि 'पिछले 10 दिनों में, जबकि पूरा देश आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और न्याय की मांग कर रहा है, वहीं भारत के विभिन्न हिस्सों में 900 बलात्कार हो चुके हैं...दुख की बात है कि स्थायी समाधान अभी भी काफी हद तक चर्चा से बाहर है। हमें ऐसे मजबूत कानूनों की जरूरत है जो 50 दिनों के भीतर सुनवाई और दोषसिद्धि को अनिवार्य करें, उसके बाद सबसे कठोर दंड दें, न कि केवल खोखले वादे। राज्य सरकारों को कार्रवाई करनी चाहिए और केंद्र पर एक व्यापक बलात्कार विरोधी कानून बनाने के लिए तत्काल दबाव डालना चाहिए जो त्वरित और सख्त न्याय सुनिश्चित करता हो। इससे कम कुछ भी केवल प्रतीकात्मक और दुखद रूप से अप्रभावी है।
सुप्रीम कोर्ट कोलकाता मामले पर आज फिर सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान सीबीआई आरजी कर मामले पर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने का निर्देश दिया था।
कोलकाता की घटना पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला कहते हैं, 'इस मामले ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है, लेकिन दुर्भाग्य से, इसने ममता बनर्जी की अंतरात्मा को नहीं झकझोरा है। वे इस्तीफा देने के बजाय बेशर्मी से पेश आ रही हैं। पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस द्वारा किए गए संस्थागत व्यवस्थित कवर-अप को सुप्रीम कोर्ट ने उजागर कर दिया है। हाईकोर्ट और यहां तक कि छात्रों के माता-पिता ने भी कहा है कि ममता बनर्जी की सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के हित में नहीं है, बल्कि वह 'बलात्कारी बचाओ, सबूत मिटाओ, सच छुपाओ' पर आमादा है। कोलकाता पुलिस, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ बोलने वाले टीएमसी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, नागरिकों और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अब कुणाल घोष ने इस घटना की तुलना पुलवामा से की है। वह क्या कहना चाह रहे हैं और इस मुद्दे को क्यों महत्वहीन बना रहे हैं? टीएमसी को इस मामले के बारे में कोई संवेदनशीलता नहीं है और उनका एकमात्र प्रयास आरोपियों को बचाना है।
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