सीबीआई ने स्वास्थ्य सचिव को लिखा पत्र, पूछा- भ्रष्ट अधिकारी अभी भी प्रमुख पदों पर क्यों?
सीबीआई ने निगम को लिखे पत्र में दो डॉक्टरों- देबाशीष सोम और सुजाता घोष के बारे में पूछा है कि वे अभी भी अपने-अपने पदों पर क्यों हैं।
कोलकाता (आरएनआई) सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को पत्र लिखकर पूछा है कि आरजी कर अस्पताल भ्रष्टाचार मामले में कथित तौर पर शामिल अधिकारी अभी भी महत्वपूर्ण पदों पर क्यों हैं। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 अगस्त को अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच को राज्य की विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सीबीआई 9 अगस्त को अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षु के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की भी जांच कर रही है।
सीबीआई ने निगम को लिखे पत्र में दो डॉक्टरों- देबाशीष सोम और सुजाता घोष के बारे में पूछा है कि वे अभी भी अपने-अपने पदों पर क्यों हैं। सोम आरजी कर अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के पूर्व प्रमुख हैं और वर्तमान में फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी (एफएमटी) में 'प्रदर्शक' के पद पर हैं। सुजाता घोष एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
एक सीबीआई अधिकारी ने बताया, 'ये लोग आरजी कर अस्पताल के गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के बहुत करीबी थे। इसके सबूत हैं।'
सीबीआई ने 2 सितंबर को संदीप घोष और तीन अन्य को अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने सोम से कई बार पूछताछ की है और उनके निवास और कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और निलंबित पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को अस्पताल में वित्तीय घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। संयोग से, 5 अक्तूबर से भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर अन्य मांगों के अलावा निगम को स्वास्थ्य सचिव के पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
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