सीट बंटवारे पर MVA में कल से होगा मंथन, कांग्रेस विधायक दल के नेता थोराट ने महायुति पर कसा तंज
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि शिवसेना उद्धव, कांग्रेस और एनसीपी शरद के गठबंधन वाले एमवीए के नेता सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए 30 सितंबर और एक अक्तूबर को बैठक करेंगे।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में तेजी से तैयारी चल रही है। महाविकास अघाड़ी में कल से सीट बंटवारे को लेकर मंथन शुरू हो जाएगा। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर अगले सप्ताह बातचीत पूरी कर लेगा। वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने सत्तारूढ़ महायुति पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि महायुति को नेता विपक्ष तय करने पर चर्चा शुरू कर देनी चाहिए।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि शिवसेना उद्धव, कांग्रेस और एनसीपी शरद के गठबंधन वाले एमवीए के नेता सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए 30 सितंबर और एक अक्तूबर को बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि हम एमवीए के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। सीट बंटवारे को लेकर कोई मतभेद नहीं है। हमारी बातचीत जारी है।
सत्तारूढ़ महायुति पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि क्या उनके पास कोई मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी है? बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले को लेकर पटोले ने कहा कि 23 सितंबर को आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राजनीति नहीं करनी चाहिए। मामले में स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि महा विकास अघाड़ी लड़की बहन योजना का विरोध नहीं कर रहा है। जब हम सत्ता में आएंगे तो हम इसे बेहतर बनाएंगे।
कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को चर्चा करनी चाहिए कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष के नेता (एलओपी) के रूप में किसे चुनेंगे? उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी180 से अधिक सीटें जीतेगा। उन्होंने कहा एक बार जब हमें बहुमत मिल जाएगा, तो हम सर्वसम्मति से सीएम उम्मीदवार पर फैसला करेंगे। महायुति पार्टियों को यह तय करना शुरू कर देना चाहिए कि नेता प्रतिपक्ष कौन होगा? उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा कागज पर अच्छी लगती है, लेकिन यह संभव नहीं है। ऐसा होता तो सरकार हरियाणा चुनावों के साथ महाराष्ट्र चुनाव कराती और करदाताओं के पैसे से प्रचार करने में एक और महीना नहीं लेती। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे के लिए जीतने की क्षमता ही एकमात्र मानदंड है और एमवीए एकजुट होकर लड़ेगा और सफल होगा।
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