सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा की सीबीआई जांच की मांग की खारिज
कर्नाटक मुख्यमंत्री ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मूडा) भूमि खोने वालों को भूखंड आवंटित करने में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है।
कर्नाटक (आरएनआई) कर्नाटक मुख्यमंत्री ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मूडा) भूमि खोने वालों को भूखंड आवंटित करने में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने विपक्षी पार्टी के आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया।
कर्नाटक के मैसूर में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के भूमि खोने वालों के भूमि आवंटन में अनियमितताओं का आरोप भाजपा द्वारा लगाया जा रहा है। भाजपा ने आरोप लगाया है किमैसूर के एक महंगे इलाके में पार्वती को वैकल्पिक भूखंड भी आवंटित किए गए थे, जिनकी संपत्ति का मूल्य उनकी उस जमीन की तुलना में अधिक था, जिसे मूडा ने अधिग्रहित किया था। भाजपा इस पर इस्तीफे की मांग भी कर रही है। उनका कहना है कि मूडा ने पार्वती को उनकी तीन एकड़ से अधिक जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां मूडा ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था। विवादास्पद योजना में लेआउट बनाने के लिए अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले भूमि खोने वाले को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित करने की परिकल्पना की गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि मूडा द्वारा भूमि खोने वालों को भूखंडों के वितरण में 4,000 करोड़ रुपये की अनियमितताएं हुई हैं। एक भाजपा नेता ने दावा किया, "स्पष्ट रूप से 4,500-5,000 भूखंडों का आवंटन नियमों का उल्लंघन करके किया गया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया यह कहकर की इस प्रकार की कोई अनियमितता नहीं हुई। उन्होंने भाजपा के आरोपों को राजनीतिक कदम बताया। उन्होंने सवाल किया कि क्या उनके परिवार को सिर्फ इसलिए अपनी जमीन छोड़नी होगी, क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के गृह जिले में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही मूडा कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया।
सीएम सिद्धारमैया ने पूछा "क्या भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान कोई मामला सीबीआई को दिया है? मैंने सात मामले मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में सहित सीबीआई को दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसे सीबीआई को दिया जाना है।
मुख्यमंत्री ने आज कैबिनेट की बैठक में खुद को सही ठहराने की कोशिश कहते हुए कि उनका "इसमें कुछ भी नहीं है।" सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा के आरोपों को राजनीतिक बताया और कहा कि पार्टी के पास "कोई और मुद्दा नहीं है और वे आरएसएस के इशारे पर विरोध कर रहे हैं। आरएसएस उन्हें सिखा रहा है। कोई मुद्दा नहीं है। मूडा में मुद्दा कहां है? उन्होंने (मूडा) हमारी 3 एकड़ और 16 गुंटा (एक एकड़ 40 गुंटा होता है) जमीन पर कब्जा कर लिया है। उस पर साइट और लेआउट बना दिया है और उन्हें लोगों को आवंटित कर दिया है। उन्हें मुआवजा देना चाहिए, हमारी जमीन के बदले हमें दिए गए प्लॉट वापस लेने चाहिए। उन्हें हमारी 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन लेने के लिए 62 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए।" हमारी 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन पर मूडा ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। अपनी बैठक में मूडा ने अपनी गलती स्वीकार की। इसलिए उन्होंने हमें प्लॉट दिए हैं, हम 50:50 (अनुपात योजना) के लिए सहमत हुए। वास्तव में उन्हें हमें बदले में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन देनी थी।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि 2021 में मूडा ने उनके परिवार को प्लॉट दिए थे, तब भाजपा सत्ता में थी। सीएम सिद्धारमैया ने कहा, " भाजपा ही वे लोग हैं जिन्होंने साइट दी, अब अगर वे खुद इसे अवैध कहते हैं, तो कोई इसे कैसे ले सकता है? हमने विजयनगर तीसरे या चौथे चरण (मैसूर में) में साइट दिए जाने के लिए नहीं कहा। हमारी ज़मीन छीनकर, उस पर साइट और पार्क के साथ एक लेआउट बनाया गया, और उन साइटों को दूसरों को आवंटित किया गया।
कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा के आरोपों के बाद कहा कि क्या हमें अपनी 3 एकड़ और 16 गुंटा ज़मीन छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि मैं मुख्यमंत्री हूँ?" बता दें कि शहरी विकास मंत्री बी एस सुरेश ने अक्टूबर, 2023 में ही अधिकारियों को 50:50 योजना को रद्द करने के लिए लिखा था। इस पर सीएम ने जवाब दिया, "उन्हें हमें कानून के अनुसार मुआवजे के रूप में 62 करोड़ रुपये देने चाहिए, जो हमारी ज़मीन का बाज़ार मूल्य है। हमें दी गई साइट का मूल्य इससे कम है। अब मुझे 3 एकड़ और 16 गुंटा ज़मीन के बदले में 14 साइटें दी गई हैं। एक एकड़ 44,000 वर्ग फीट है, मुझे उससे कम दिया गया है - 38,264, जो कम है।" उन्होंने कहा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अभी दिए गए भूखंडों के मौजूदा बाजार मूल्य के बारे में नहीं पता। इसकी जांच करनी होगी।
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