सीएम ममता बनर्जी ने आरजी कर कांड की पीड़िता को बताया बहन, दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की
सीएम ममता बनर्जी ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी। ममता बनर्जी ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में मारी गई बहन के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हम इस मामले में उचित सजा की मांग करते हैं।

कोलकाता (आरएनआई) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म-हत्याकांड की पीड़िता को अपनी बहन बताया। उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार के साथ उनकी संवेदनाएं हैं। उन्होंने अपराध के जिम्मेदारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
धोनो धान्यो ऑडिटोरियम में सीनियर, जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम अपराजिता विधेयक लेकर आए। जिसमें दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान है। ममता बनर्जी ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में मारी गई बहन के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हम इस मामले में उचित सजा की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं भी घटना के विरोध में सड़क पर उतरी थी। हमारी सरकार ने अपराजिता विधेयक पारित किया था, लेकिन यह अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है।
उन्होंने कहा कि मैं अपने भाइयों को हमारी बहनों की सुरक्षा करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी सौंपती हूं। यहां आज कोई लैंगिक असमानता नहीं है। यह बहुत ही सकारात्मक विकास है। सरकार निश्चित रूप से अपना काम करेगी, लेकिन मेरा मानना है कि मेरे भाई इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने तीन सितंबर को सर्वसम्मति से 'अपराजिता महिला और बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024' पारित किया, जिसमें दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की गई है। यदि उनके कार्यों के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या उसे निष्क्रिय अवस्था में छोड़ दिया जाता है। वहीं, अन्य अपराधियों को पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा की मांग की गई।
प्रस्तावित कानून की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताओं में प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर दुष्कर्म के मामलों की जांच पूरी करना, पिछली दो महीने की समय सीमा में कमी और एक विशेष टास्क फोर्स शामिल है जहां महिला अधिकारी जांच का नेतृत्व करेंगी। अपराजिता विधेयक को राज्यपाल की तरफ से राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया गया है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ।
घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।
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