सिंगापुर में नौवें राष्ट्रपति के लिए मतदान

27 लाख से अधिक सिंगापुरवासियों के मतदान करने की उम्मीद है, मतदान केंद्र रात आठ बजे तक खुले रहेंगे। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी। मतदान के नतीजे आधी रात तक सामने आ जाएंगे।

Sep 1, 2023 - 11:00
 0  540
सिंगापुर में नौवें राष्ट्रपति के लिए मतदान
भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थर्मन शनमुगरत्नम

सिंगापुर। (आरएनआई) सिंगापुरवासी एक दशक से भी अधिक समय बाद देश के नौवें राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला है, जिसमें सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थर्मन शनमुगरत्नम भी रेस में शामिल हैं। सुबह आठ बजे मतदान केंद्र खुलने के साथ योग्य मतदाताओं ने अपने मत डालना शुरू कर दिया।
27 लाख से अधिक सिंगापुरवासियों के मतदान करने की उम्मीद है, मतदान केंद्र रात आठ बजे तक खुले रहेंगे। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी। मतदान के नतीजे आधी रात तक सामने आ जाएंगे। त्रिकोणीय मुकाबले में थर्मन के अलावा देश के नौवें राष्ट्रपति की दौड़ में दो अन्य उम्मीदवार सिंगापुर सरकार इन्वेस्टमेंट कॉर्प (जीआईसी) के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एनजी कोक सोंग और देश के स्वामित्व वाली संघ-आधारित बीमा समूह एनटीयूसी इनकम के पूर्व प्रमुख टैन किन लियान शामिल हैं। 
निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब (Halimah Yacob) का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त होगा। वह देश की आठवीं और पहली महिला राष्ट्रपति हैं। 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक आरक्षित चुनाव था, जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। तब हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था।
चुनाव विभाग सिंगापुर (ईएलडी) ने शुक्रवार सुबह एक बयान में कहा, चूंकि मतदान रात आठ बजे तक चलेगा, इसलिए हम मतदाताओं को दिन में देर से मतदान केंद्र पर पहुंचने की सलाह देते हैं, खासकर दोपहर में जब कतारें आमतौर पर छोटी होती हैं। हम सुबह से कतार में लगे मतदाताओं से धैर्य और समझ की अपेक्षा करते हैं।
सुबह-सुबह मतदान केंद्रों पर पहुंचने वाले लोगों में राष्ट्रपति हलीमा और प्रधानमंत्री ली सीन लूंग (Lee Hsien Loong) भी शामिल थे। 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव है। भारतीय मूल के 66 वर्षीय अर्थशास्त्री थर्मन ने देश की संस्कृति को दुनिया में "प्रसिद्ध स्थान" बनाए रखने के लिए विकसित करने के वादे के साथ जुलाई में औपचारिक रूप से अपना राष्ट्रपति अभियान शुरू किया था।
राष्ट्रपति पद के तीनों उम्मीदवारों का चयन सख्त मानदंडों के तहत किया गया है। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए कड़ी योग्यता प्रक्रिया है।2001 में राजनीति में शामिल हुए थर्मन ने दो दशकों से अधिक समय तक सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र और मंत्री पदों पर कार्य किया है। थर्मन महामारी संबंधी तैयारियों और मानव विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव का हवाला देकर समृद्ध देश के अगले राष्ट्रपति बनने के लिए अपनी योग्यता का समर्थन करते हैं। उनके पास सरकार और सिटी स्टेट के विदेशी मुद्रा भंडार का भी अनुभव है, जिसका अनुमान दो ट्रिलियन सिंगापुर डॉलर से अधिक है।
टैन ने एनटीयूसी इनकम के मुख्य कार्यकारी के रूप में अपने 30 साल के अनुभव का हवाला दिया है, लेकिन एनजी और टैन का किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं है। वहीं, थर्मन ने 2011-2019 के बीच सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए जुलाई में सार्वजनिक और राजनीतिक पदों से इस्तीफा दे दिया था।
सिंगापुर के अतीत में दो भारतीय मूल के राष्ट्रपति रह चुके हैं। सेलप्पन रामनाथन, जिन्हें एसआर नाथन के नाम से जाना जाता है, सिंगापुर के राजनेता और तमिल मूल के सिविल सेवक थे, जिन्होंने सिंगापुर में राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।नाथन ने 2009 में बेंजामिन शियर्स को हराकर सिंगापुर में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले शख्स बने। इसके बाद दूसरा नाम चेंगारा वीटिल देवन नायर का है, जिन्हें देवन नायर के नाम से जाना जाता है। देवन नायर ने 1981 से 1985 तक सिंगापुर के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। 1923 में मलयेशिया के मलक्का में जन्मे नायर एक रबर बागान क्लर्क के बेटे थे, जो मूल रूप से केरल के थालास्सेरी के रहने वाले थे। सिंगापुर में पहला राष्ट्रपति चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.