सरकार ‘स्पीड’ को भारत की आकांक्षा और ‘स्केल’ को उसकी ताकत मानती है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भौतिक ढांचे के साथ-साथ सामाजिक ढांचे को भी मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के विपरीत उनकी सरकार ‘स्पीड (गति)’ को भारत की आकांक्षा और ‘स्केल (पैमाने)’ को भारत की ताकत मानती है।
बेंगलुरु, 11 नवंबर 2022, (आरएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भौतिक ढांचे के साथ-साथ सामाजिक ढांचे को भी मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के विपरीत उनकी सरकार ‘स्पीड (गति)’ को भारत की आकांक्षा और ‘स्केल (पैमाने)’ को भारत की ताकत मानती है।
मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की प्रगति के लिए भौतिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ देश के सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चाहे वह शासन हो या भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास, भारत एक अलग स्तर पर काम कर रहा है। दुनिया डिजिटल भुगतान प्रणाली में भारत द्वारा की गई प्रगति की प्रशंसा कर रही है, क्या यह आठ साल पहले सोचा जा सकता था?’’
उन्होंने यहां एक विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से पहले मेड इन इंडिया और 5जी तकनीक सहित ये सभी चीजें कल्पना से परे थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि तत्कालीन सरकारों की सोच पुरानी थी। पहले की सरकारों का मानना था कि ‘स्पीड’ एक विलासिता है और ‘स्केल’ जोखिम, लेकिन हमने धारणा बदल दी, हम ‘स्पीड’ को भारत की आकांक्षा और ‘स्केल’ को भारत की ताकत मानते हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने और केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) के टर्मिनल2 का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मोदी ने कहा कि भारत को दुनियाभर में ‘स्टार्टअप’ के लिए पहचाना जाता है और बेंगलुरु इसका लाभ कमा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरु स्टार्टअप की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पिछले तीन वर्षों के दौरान, कर्नाटक ने लगभग चार लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है और पिछले साल राज्य विदेशी मुद्रा निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में पहले स्थान पर था।
आईटी, बीटी, रक्षा निर्माण, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण सहित कर्नाटक की विभिन्न उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य ‘‘डबल इंजन …’’ की ताकत के साथ प्रगति कर रहा है।
मोदी ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में भारत स्टार्ट-अप के लिए जाना जाता है और देश की इस पहचान को मजबूत करने में बेंगलुरु की बहुत बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्टार्ट-अप केवल एक कंपनी नहीं है, यह कुछ नया करने की भावना है, अलग तरह से सोचने की है। स्टार्ट-अप देश के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने के लिए एक भरोसा है। बेंगलुरु स्टार्ट-अप भावना का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत को एक अलग समूह में रखता है।’’
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनके कई कैबिनेट सहयोगी, आदिचुंचनागिरी मठ के निर्मलानंदनाथ स्वामीजी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बी. एस. येदियुरप्पा, भाजपा विधायक, अधिकारी सहित कई गणमान्य लोगा कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री ने विधान सौध परिसर में संत कवि कनक दास और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने यहां केएसआर रेलवे स्टेशन पर ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ और ‘भारत गौरव काशी दर्शन’ ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई।
‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के बारे में उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि भारत रुक-रुक कर चलने वाले दिनों को अब पीछे छोड़ चुका है।
उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ एक ट्रेन नहीं है, बल्कि एक नये भारत की पहचान है और 21वीं सदी में भारतीय ट्रेन कैसी होंगी, इसकी एक झलक है।’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अगले 8-10 वर्षों में भारतीय रेलवे के परिवर्तन का लक्ष्य रखती है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘चार सौ से अधिक वंदे भारत ट्रेन, विस्टाडोम कोच, भारतीय रेलवे की नई पहचान बनेंगी।’’
उन्होंने राज्य सहित देशभर के रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मालगाड़ियों के लिए समर्पित गलियारों से परिवहन की ‘स्पीड’ बढ़ेगी और समय की बचत होगी।
एक विकसित भारत के लिए शहरों के बीच संपर्क को महत्वपूर्ण और समय की मांग करार देते हुए उन्होंने हवाई संपर्क के विस्तार पर जोर दिया और कहा कि देश हवाईयात्रा के लिए सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है, और जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में करीब 70 हवाईअड्डे थे और अब उनकी संख्या 140 से भी अधिक हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देखने का प्रयास किया जाएगा कि बेंगलुरू उस रास्ते पर आगे बढ़े जिसकी उसके संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा ने कल्पना की थी।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु एक ‘‘अंतरराष्ट्रीय शहर’’ है और हमें इसकी विरासत को संरक्षित करते हुए इसे आधुनिक बुनियादी ढांचे से समृद्ध बनाना है।
इससे पहले आज, मोदी ने केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया, जो ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ के अनुसार, ‘‘किसी शहर के संस्थापक की पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा’’ है।
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