सरकारी अस्पताल का हाल बेहाल, मोबाइल टॉर्च-मोमबत्ती के सहारे मरीजों का हो रहा इलाज
सरकारी अस्पताल की बदहाली बताता वीडियो चित्रदुर्ग जिले के मोलकालमुरु में एक सरकारी अस्पताल का है। अस्पताल बिजली संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते स्वास्थ्य कर्मचारी और मरीज परेशान हैं।
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चित्रदुर्ग (आरएनआई) कर्नाटक में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक अस्पताल में बत्ती गुल होने पर टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में मरीजों की जांच की गई। 100 बेड वाले अस्पताल की यह हालत वाकई चौंकाने वाली है।
सरकारी अस्पताल की बदहाली बताता यह वीडियो चित्रदुर्ग जिले के मोलकालमुरु में एक सरकारी अस्पताल का है। अस्पताल बिजली संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते स्वास्थ्य कर्मचारी और मरीज परेशान हैं।
100 बिस्तरों वाले अस्पताल में डॉक्टर मरीजों की जांच करने के लिए टॉर्च, मोबाइल फोन टॉर्च और मोमबत्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अस्पताल में भयानक अंधेरा और मोमबत्ती की रोशनी से मरीजों का इलाज किया जा रहा। अस्पताल की बिगड़ी बिजली व्यवस्था को लेकर अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया गया है।
अस्पताल का जनरेटर लगभग एक हफ्ते से खराब पड़ा हुआ है, लेकिन उसे अभी तक ठीक नहीं कराया गया। यह इलाका पिछले एक हफ्ते से बिजली कटौती से प्रभावित है और अस्पताल भी इससे अछूता नहीं है।
भाजपा ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस की ‘गृह ज्योति’ योजना के तहत घरों में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की कवायद पर निशाना साधा। विधायक एनवाई गोपालकृष्ण का कहना है कि अस्पताल में सिर्फ 100 किलोवाट का जनरेटर है, जबकि क्षमता के अनुसार 250 किलोवाट जनरेटर की जरूरत है। इसी के साथ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अस्पताल के मुख्य चिकित्सक भाजपा से जुड़े हुए हैं और उनकी छवि खराब करने के लिए उन्होंने इस बारे में स्थानीय विधायक को जानकारी नहीं दी।
तेलंगाना के भुवनगिरी सरकारी अस्पताल में 22 मई की रात बिजली आपूर्ति बाधित होने की इसी तरह की एक घटना सामने आई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां कई घंटों तक बिजली गुल रहने की वजह से मरीज अंधेरे में इंतजार करते रह गए। अस्पताल में बिजली गुल होने के कारण डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी की मदद से मरीजों का इलाज किया।
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