समुद्र में उठ रही हैं ऊंची-ऊंची लहरें, हवा के झोंके के साथ आगे बढ़ रहा 'रेमल'
गोसाबा ब्लॉक सुंदरबन का एक सुदूर इलाका है। नौ द्वीपों में से 14 ग्राम पंचायतें यहीं स्थित हैं। यह चारों ओर से नदियों से घिरा हुआ है। सुंदरवन में रेमल का लैंडफॉल हो सकता है। इसलिए प्रखंड प्रशासन ने पहले से ही एहतियात बरतना शुरू कर दिया है।
कोलकाता (आरएनआई) पश्चिम बंगाल के पर्यटनस्थल दीघा में समुद्र में उंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। तेज हवा के झोंकों के साथ तूफान रेमल धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। आसमान में काले बादल छाए हुए हैं, बारिश के साथ-साथ झोंकों की गति भी पल-पल बढ़ती जा रही है। रेमल के टकराने से पहले ही पूर्वी मेदिनीपुर के तटीय इलाके लोग इसका असर महसूस कर रहे हैं। इस मौसम के साथ-साथ समुद्र भी उग्र होता जा रहा है। लहर की ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। सरकार और प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं। सेना और कोस्टगार्ड को अलर्ट कर दिया गया है। एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात कर दी गई हैं। जगह-जगह प्रशासन के लोग, स्थानीय लोगों को जागरूक कर रहे हैं। मछुआरे समुद्र से लौट आए हैं। मौसम विभाग अलिपुर के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 'रेमल' बना हुआ है। रात के समय यह धीरे-धीरे तट की ओर बढ़ा। 'रेमल' रविवार आधी रात को बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती तट से टकराने वाला है। नतीजतन, मौसम कार्यालय ने सोमवार और मंगलवार को दक्षिण बंगाल के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। फिलहाल, रेमल बांग्लादेश में खेपुपारा से 300 किमी, दक्षिण-पश्चिम में 290 किमी में, पश्चिम बंगाल में सागरद्वीप से 290 किमी दक्षिण में, दीघा से 410 किमी दक्षिण में और कैनिंग के दक्षिण-पूर्व में 320 किमी दूर स्थित है।
बागडोगरा से कोलकाता तक सभी हवाई यातायात निलंबित कर दिए गए हैं। कोलकाता एयरपोर्ट बंद है। देशभर में कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। बागडोगरा से कोलकाता की सभी उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। इसके साथ ही हावड़ा से चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। लोकल ट्रेनों को भी स्थगित कर दिया गया है।
एक दिन पहले ही राज्य परिवहन विभाग ने एक आदेश दिया है. हावड़ा और कोलकाता के बीच फेरी सेवा बंद की जा रही हैं। हुगली नदी जलमार्ग परिवहन सहकारी समिति के अध्यक्ष बापी मन्ना ने कहा कि इन दो दिनों तक कोई भी लॉन्च नहीं चलेगा। लॉन्च को अर्मेनियाई घाट और हावड़ा घाट पर मोटी रस्सियों से बांध दिया गया है। आपातकाल के लिए लॉन्च स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गईं।
तूफान के लैंडफॉल के समय तूफान 135 किमी/घंटा तक पहुंच सकता है। बंगाल के तट पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आ सकता है।
गोसाबा ब्लॉक सुंदरबन का एक सुदूर इलाका है। 9 द्वीपों में से 14 ग्राम पंचायतें यहीं स्थित हैं। यह चारों ओर से नदियों से घिरा हुआ है। सुंदरवन में रेमल का लैंडफॉल हो सकता है। इसलिए प्रखंड प्रशासन ने पहले से ही एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। बीडीओ कार्यालय में एक विशेष नियंत्रण कक्ष खोला गया है और उस कंट्रोल रूम से रविवार की सुबह से ही आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी व कर्मी वहां मौजूद हैं। मॉनिटरिंग चल रही है।
पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में सुबह होते ही बारिश शुरू हो गई। चक्रवात रेमल के रविवार आधी रात तक बांग्लादेश के सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच टकराने की संभावना है। "रेमल" पहले से ही अपने आने का एहसास करा रहा है। सुंदरवन से लेकर कोलकाता तक, 24 परगना समेत कई जिलों में सुबह से ही बारिश शुरू हो गई है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात रेमल से निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस लिया है। शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव बीपी गोपालिका ने सचिवालय नवान्न में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और हालात का जायजा लिया। दूसरी ओर, केंद्र की तरफ से कैबिनेट सचिव राजीब गौबा ने भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। नवान्न सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्य सचिव ने कैबिनेट सचिव को चक्रवात से मुकाबले के लिए राज्य द्वारा उठाए गए ऐहतियाती उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि कंट्रोल रूम खोलने से लेकर राहत सामग्री व जरूरी दवाओं समेत सभी आवश्यक सामग्रियों का भंडारण किया गया है। प्रभावित लोगों के लिए आश्रय शिविरों की भी पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गई है विद्युत सेवा को स्वभाविक रखने के लिए भी तैयारी की गई है। समुद्र में मछुआरों को 27 मई तक नहीं जाने और गए हुए मछुआरों को तुरंत लौटने की सलाह दी गई है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट सचिव ने बंगाल सरकार को आश्वासन देते हुए कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सभी केंद्रीय एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं और हरसंभव सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में फूस के घरों, फसलों, पेड़ों के उखडऩे और निचले इलाकों में बाढ़ से बड़े नुकसान होने की आशंका जताई है। इस गंभीर चक्रवात के खतरे से बिजली और संचार लाइनों को भी भारी नुकसान हो सकता हैै।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 12 टीमों को तैनात किया है, वहीं पांच अतिरिक्त टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीमों को भी तैयार (अलर्ट) रखा गया है। शिपिंग महानिदेशक द्वारा कोलकाता और पारादीप के बंदरगाहों पर नियमित अलर्ट के साथ सलाह जारी की जा रही है। साथ ही नुकसान के मामले में आवश्यक सेवाओं को कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि समुद्र में मछुआरों को तुरंत वापस बुलाया जाए और संवेदनशील इलाकों से लोगों को समय पर निकाला जाए।
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