समुद्री लुटेरों से जहाज बचाया तो दुनिया ने माना नौसेना की ताकत का लोहा
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन इंटरनेशनल अफेयर्स के जॉन ब्रैडफोर्ड का कहना है कि 'इस ऑपरेशन की सफलता से पता चलता है कि भारतीय नौसेना की ट्रेनिंग, कमांड और कंट्रोल समेत अन्य क्षमताएं विश्व स्तर की हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारतीय नौसेना द्वारा हाल ही में अरब सागर में एक जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाया गया। नौसेना ने जिस काबिलियत और सैन्य क्षमता से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है और विशेषज्ञ भी भारतीय नौसेना की क्षमताओं के मुरीद हो गए हैं। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में कई विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि भारतीय नौसेना की स्पेशल फोर्सेज की क्षमता दुनिया की सबसे ताकतवर स्पेशल फोर्सेस में से एक है।
नौसेना ने बीते हफ्ते ही एक व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों से बचाया था और उस ऑपरेशन में 17 क्रू सदस्यों को बचाया गया था और 35 के करीब समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर हिरासत में लिया गया था। इस ऑपरेशन में नौसेना के युद्धपोत, पेट्रोलिंग जहाज, ड्रोन, भारतीय वायुसेना के सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान, सर्विलांस जेट और मरीन कमांडोज ने शिरकत की थी। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन इंटरनेशनल अफेयर्स के जॉन ब्रैडफोर्ड का कहना है कि 'इस ऑपरेशन की सफलता से पता चलता है कि भारतीय नौसेना की ट्रेनिंग, कमांड और कंट्रोल समेत अन्य क्षमताएं विश्व स्तर की हैं। इस ऑपरेशन की खास बात ये है कि इस मुश्किल ऑपरेशन में समन्वय के साथ ऑपरेशन चलाकर कम से कम नुकसान हुआ।
विशेषज्ञों को चिंता है कि इस्राइल हमास युद्ध के बाद से यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ हाथ मिला सकते हैं। वहीं समुद्री लुटेरे भी हाल के समय में काफी सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट पैदा हो सकता है। समुद्री लुटेरों ने बीते साल दिसंबर में माल्टा का झंडा लगे और बुल्गारिया द्वारा संचालित किए जा रहे व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को अगवा कर लिया था। अगवा करने के बाद समुद्री लुटेरे जहाज को अपने क्षेत्र में ले गए थे। अब समुद्री लुटेरों द्वारा इस जहाज का इस्तेमाल अन्य जहाजों को लूटने के लिए किया जा रहा था।
भारतीय नौसेना ने हाल ही में एमवी रुएन जहाज को ट्रेस किया था। इसके बाद इलाके में निगरानी रख रहे अपने युद्धपोत आईएनएस कोलकाता को जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाने भेजा। साथ ही ड्रोन की मदद से जहाज पर मौजूद समुद्री लुटेरों के बारे में पता किया। समुद्री लुटेरों ने नौसेना के जहाजों पर फायरिंग भी की। आईएनएस कोलकाता ने समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। इस बीच सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान की मदद से नौसेना की कमांडोज फोर्स मार्कोस को अरब सागर में एयर ड्रॉप किया गया।
मार्कोस कमांडोज अगवा जहाज पर चढ़े और ऑपरेशन चलाकर सभी समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। इस ऑपरेशन में कोई नुकसान नहीं हुआ। बुल्गारिया के नेताओं ने भी भारत की तारीफ की है और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। बुल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन रादेव ने भी भारत की तारीफ की। नौसेना ने जहाज से 17 क्रू मेंबर्स को भी बचाया है, जिनमें 7 बुल्गारियाई नागरिक हैं। अमेरिका नौसेना के पूर्व अधिकारी कार्ल शूस्टर ने भी नौसेना और खासकर मार्कोस कमांडोज की तारीफ की है, जिन्होंने हवाई जहाज से अरब सागर में कूदकर जहाज पर कब्जा किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने जनवरी में कहा कि क्षेत्र की मेरीटाइम सिक्योरिटी भारत की प्राथमिकता है।
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