समुद्री खनन प्रस्ताव के खिलाफ कांग्रेस ने नाव पर किया विरोध प्रदर्शन, मछुआरों की आजीविका बचाने की मांग
कांग्रेस ने गहरे समुद्री खनन के प्रस्ताव के खिलाफ अलप्पुझा तट पर नाव में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पार्टी के नेता और मछुआरे शामिल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से मछुआरों की आजीविका को खतरा है। केंद्र ने तटीय निवासियों की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया है।

अलप्पुझा (आरएनआई) कांग्रेस ने केंद्र सरकार के गहरे समुद्री खनन के प्रस्ताव के खिलाफ अलप्पुझा जिले के तट से दूर नाव पर जाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया और इसमें बड़ी संख्या में मछुआरे, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इन प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इससे मछुआरों की आजीविका को नुकसान हो सकता है।
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार और उसके फैसले के खिलाफ नारे लगाते हुए समुद्र में 15 समुद्री मील की यात्रा की। कांग्रेस ने इसका वीडियो भी साझा किया है। विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार के समुद्र में गहराई से खनन के प्रस्ताव को पूरी तरह से रद्द करने की मांग की।
उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय मछुआरा समुदाय और उनके सांसद कई बार तटीय निवासियों की समस्याओं और इस फैसले के बुरे प्रभावों के बारे में बताने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने उनकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया है और अपने प्रस्ताव को लागू करने पर अड़ी हुई है।
पिछले हफ्ते केरल विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें केंद्र सरकार से राज्य के तट पर गहरे समुद्री खनन की मंजूरी को वापस लेने का आग्रह किया गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि ऐसी गतिविधियां अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालेंगी और क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन को बाधित करेंगी। प्रस्ताव के मुताबिक, गहरे समुद्री खनन से मूल्यवान मछली संसाधन, जैव विविधता और मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पहले राज्य सरकार ने विधानसभा में कहा था कि 2002 के अपतटीय क्षेत्रों के खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में कि गए संशोधन राज्य के हित में नहीं हैं।
संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयुक्त विरोध के निमंत्रण को यह कहते हुए खारिज किया कि वामपंथी सरकार खनन पहल का समर्थन कर रही थी। उन्होंने घोषणा की कि वे केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
पिछले महीने केरल मत्स्य समन्वय समिति के बैनर तले मछुआरा संघों ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ चौबीस घंटे की हड़ताल की थी। समिति के नेताओं के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पांच क्षेत्रों कोल्लम दक्षिण, कोल्लम उत्तर, अलप्पुझा, पोनानी और चावक्कड़ में अपतटीय खनन के लिए रेत ब्लॉक की नीलाम करने का फैसला लिया है।
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