समुदाय विशेष का व्हाट्सएप ग्रुप बनाने पर निलंबित हुए आईएएस के गोपालकृष्णन बहाल, केरल सरकार का फैसला
केरल उद्योग एवं वाणिज्य निदेशक के गोपालकृष्णन को एक समुदाय के अफसरों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने पर निलंबित किया गया था। जबकि दूसरे आईएएस एन प्रशांत को एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर निलंबित किया गया था। एन प्रशांत का निलंबन 120 दिन तक बरकरार रखा गया है।
तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल में आईएएस अधिकारी के मोबाइल नंबर से एक समुदाय के अफसरों के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप मामले में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन को सरकार ने बहाल कर दिया है। जबकि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले आईएएस एन प्रशांत का निलंबन बरकरार रखा है। वे 120 दिन तक निलंबित रहेंगे। दोनों अधिकारियों को पिछले साल 11 नवंबर को निलंबित कर दिया गया था।
सरकार ने आईएएस के गोपालकृष्णन के बहाली आदेश में कहा कि निलंबन समीक्षा समिति ने पाया कि अधिकारी का निलंबन जारी रखने के लिए कोई ठोस आधार नहीं था। समिति ने अनुशासनात्मक प्राधिकारी से सिफारिश की है कि आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई को अंतिम रूप दिए जाने तक उनका निलंबन रद्द कर दिया जाए। सरकार ने मामले की विस्तार से जांच की है। सरकार ने समीक्षा समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। आदेश में कहा गया कि अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने तक सेवा में बहाल किया जाता है।
आईएएस एन प्रशांत के मामले में सरकार ने कहा कि समिति ने उनका निलंबन 10 जनवरी से प्रभावी होकर 120 दिनों की अवधि के लिए जारी रखने की सिफारिश की है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि सरकार ने निलंबन समीक्षा समिति की सिफारिश स्वीकार कर ली है और आदेश दिया है कि आईएएस प्रशांत एन के निलंबन की अवधि 10 जनवरी से 120 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है।
केरल उद्योग एवं वाणिज्य निदेशक के गोपालकृष्णन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका मोबाइल हैक कर लिया गया और उसके बाद इसका इस्तेमाल 'मल्लू हिंदू ऑफिसर्स' नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए किया गया। हालांकि, जांच पड़ताल के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग में विशेष सचिव प्रशांत ने पिछले साल फेसबुक पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ए जयतिलक पर आरोप लगाया था कि जयतिलक एक विशेष रिपोर्टर बन गए हैं और मीडिया के माध्यम से निराधार आरोप फैलाकर उन्हें कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आईएएस प्रशांत जब अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कल्याण विभाग के सीईओ थे तो दोनों जातियों के कल्याण के लिए समर्पित पहल उन्नति की कई महत्वपूर्ण फाइलें रहस्यमय तरीके से गायब हो गईं।
आईएएस जयतिलक ने इस मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को एक रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन करने के लिए फेसबुक पर पोस्ट किया था।
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