कलकत्ता हाईकोर्ट: समय पर भुगतान न करने पर बिल्डिंग प्रमोटर पर अदालत सख्त
कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक अनधिकृत तीन मंजिला इमारत के निर्माण की लागत का भुगतान करने में विफल रहने पर एक प्रमोटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना दोगुना कर दो लाख रुपये कर दिया। कोर्ट ने कहा कि गैर कानूनी निर्माण में शामिल लोगों को अच्छा सबक दिया जाना चाहिए ताकि इन पर अंकुश लगाया जा सके।
कोलकाता (आरएनआई) कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को कोलकाता में एक अनधिकृत तीन मंजिला इमारत के निर्माण की लागत का भुगतान करने में विफल रहने पर एक प्रमोटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना दोगुना कर दो लाख रुपये कर दिया। अदालत ने 12 मार्च को बिल्डिंग प्रमोटर की एक रिट याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें दक्षिण कोलकाता के नंदीबागान इलाके में तीन मंजिला घर को नियमित करने की मांग की गई थी, जो अनधिकृत तरीके से बनाया गया था।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को 18 मार्च तक उस पर लगाए गए एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। आरोपी ने ऐसा न करके आदेश के खिलाफ अदालत की खंडपीठ का रुख किया था। न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने कहा कि खंडपीठ द्वारा पिछले आदेश पर कोई रोक नहीं लगाए जाने के कारण जुर्माना को दोगुना किया जाता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाए गए जुर्माने को एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया और इसे 22 मार्च तक भुगतान करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अनधिकृत निर्माण में शामिल लोगों को अच्छा सबक दिया जाना चाहिए ताकि इन पर अंकुश लगाया जा सके। न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को लागत के भुगतान के लिए समय अवधि बढ़ाने का कोई कारण नहीं दिखता है, जैसा कि याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की थी, जिसे 18 मार्च तक किया जाना था।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि बढ़ी हुई लागत के भुगतान का आदेश तय समय में नहीं चुकाने की स्थिति में इसे और भी बढ़ाया जा सकता है। कोलकाता नगर निगम के वकील ने 12 मार्च को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि याचिकाकर्ता को इमारत के आगे के निर्माण को रोकने के लिए नोटिस दिया गया था क्योंकि यह बिना किसी मंजूरी के किया जा रहा था।
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