सब मिली भगत के आरोप,अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सैर खाजा? शासन क्या ध्यान देगा
गुना (आरएनआई) शासन के मुखिया कोई भी हो,उनकी मंशा के निर्देश और आदेश कुछ भी हो उससे प्रशासन के अफसरों को दो चार दिन डर बना होता हैं कि कार्यवाही की जद में न आ जाए,फिर वही लापरवाही का ढर्रा फिर शुरू, चाहे आरोन हादसा हो या फिर उमरी?
ऐसा ही वाक्या को होने से उजागर करती हैं मीडिया हासिए पर
गुना जिले में चाहे कलेक्टर साहब हों और चाहे पुलिस अधीक्षक उन्हे जनता के हितों से कोई मतलब नहीं है। वाक्या ये है की बुधवार रात 11 बजे जब मीडिया साथी बमोरी से गुना आ रहे थे उस दौरान दो डमफर 22 चक्का बुधवार को बिना नम्बर के सड़कों पर दौड़ते देखे गए। इस संदर्भ में जब मीडिया कर्मियों ने कलेक्टर, एसपी के साथ संबंधित म्याना टीआई और ऊमरी चौकी प्रभारी को फोन लगाया तो कोई रिस्पॉन्स नही मिला। इस दौरान म्याना थाने के साथ ऊमरी चौकी तो पूर्णता बंद मिली और न ही किसी ने फोन उठाया। इस तरह बाहरी वाहनों की चपेट में लोगों की जान जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते जोखिम में डाली जा रही है, इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। वहीं खनिज अधिकारी दीपक सक्सेना से बात की गई तो वह भी अनसुनी करते देखे गए। खास बात तो ये है की खनिज अधिकारी कह रहे थे कि रॉयल्टी चैक कर लो। जबकि यह मीडिया के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं। इधर आरटीओ अधिकारी रंजना भदोरिया ने कहा की प्रतिदिन हमारी चैकिंग चल रही है। आप कह रहे हैं कि बमोरी रूट पर बगैर नम्बर के डमफर चल रहे हैं तो हम दिखवाते हैं। दर्शक एवं पाठकों आप खुद निर्णय करे कि जिले में ये सब क्या चल रहा,मतलब अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सैर खाजा?
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