'सब्सिडी के बावजूद कृषि नीतियों में बदलाव की जरूरत', मुख्य आर्थिक सलाहकार की अहम टिप्पणी
नागेश्वरन ने कहा कि किसानों को आयकर में छूट के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य भी दिया जाता है, लेकिन इन सब के बावजूद कृषि नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है ताकि किसानों को फायदा पहुंचाया जा सके।
नई दिल्ली (आरएनआई) मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि देश के कृषि क्षेत्र के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि में सब्सिडी के बावजूद कृषि नीतियों में बदलाव की जरूरत है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की प्रस्तावना में कहा कि सरकार पर्याप्त मात्रा में किसानों को सहायता देती है और ये सहायता पानी पर सब्सिडी, बिजली और फर्टिलाइजर्स पर सब्सिडी के रूप में किसानों को मिलती है।
नागेश्वरन ने कहा कि किसानों को आयकर में छूट के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य भी दिया जाता है, लेकिन इन सब के बावजूद कृषि नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है ताकि किसानों को फायदा पहुंचाया जा सके। आर्थिक सर्वेक्षण में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर लागू मौजूदा नीतियां अक्सर विपरीत उद्देश्यों पर काम करती हैं और इनसे अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि मौजूदा नीतियों की वजह से उर्वरता में गिरावट, भूजल में कमी, पर्यावरण प्रदूषण और फसल उत्पादन और आहार में पोषण संबंधी असंतुलन जैसी समस्या बढ़ रही हैं।
नागेश्वरन ने इस बात पर जोर दिया कि अगर कृषि क्षेत्र की नीतियों में जटिलताओं पर ध्यान दिया जाए तो इससे फायदा हो सकता है। नागेश्वरन ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में कृषि की भूमिका को अहम बनाने के लिए कुछ आदर्श बदलाव करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र भारत की आर्थिक तरक्की का वाहक बन सकता है। उन्होंने कहा कि टिकाऊ खेती के तरीकों और कृषि नीतियों में बदलाव करके, खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात में अवसर पैदा करके किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।
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