सबसे बड़ी दफा रफा-दफा और जहां कानून भी हो जाता है सफा उसे कहते हैं दारुल सफा

Oct 23, 2023 - 20:24
Oct 23, 2023 - 20:36
 0  297
सबसे बड़ी दफा रफा-दफा और जहां कानून भी हो जाता है सफा उसे कहते हैं दारुल सफा
सिकंदराराऊ (आरएनआई) मेला जल विहार हसायन के अंतर्गत नगर पंचायत के तत्वावधान में हनुमान बगीची में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हिंदी प्रोत्साहन समिति के सहयोग से संपन्न हुआ । कवियों ने अपनी उत्तम रचनाओं से श्रोताओं को सुबह 3:00 बजे तक बांधे रखा। इसकी अध्यक्षता मेला अध्यक्ष सेठ ओम प्रकाश यादव ने की तथा हास्य विनोद मय संचालन सुप्रसिद्ध कवि देवेन्द्र दीक्षित शूल व स्थानीय कवि व अध्यापक जगदीश शर्मा ने संयुक्त रूप से किया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ ओम प्रकाश यादव ,बृजेशानंद स्वामी, वरिष्ठ कवि सुरेश चौहान नीरव व हिंदी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल व सभासदों के साथ मेलाध्यक्ष ने फीता काट कर किया ।
कवयित्री  रुबिया खान की सरस्वती वंदना के बाद शिकोहाबाद से पधारे हास्य के कवि अनिल बेधड़क द्वारा खूब हंसाया गया । उनकी पत्नी वंदना को बहुत सराहा गया।
 तत्पश्चात एटा से पधारी कवयित्री कुमारी अलका अद्भुत ने पढ़ा-
 लहू का एक कतरा भी है जब तक शेष इस तन में, वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना।
 वहीं शिवम आजाद ने पढ़ा- तुम्हारे वतन में लहू बह रहा है हमारे लहू में वतन बह रहा है।
अलीगढ़ के शायर जाहिद खान राहत ने पढ़ा
 तेज छुरियों की धार करता है, फिर वो पीछे से वार करता है । गैर का तो मुझे गिला ही नहीं, मेरा अपना ही मार करता है।
 कवि विवेकशील राघव ने पढ़ा- जीवन के दिन चार बाबरे।
 हंस कर इन्हें गुजार बाबरे।
बहुत साराहा गया।
 वरिष्ठ गीतकार सुरेश चौहान नीरव के मधुर गीतों को तालियों  की गड़गड़ाहट के बीच सुना गया। उन्होंने पढ़ा - तुम चले गए तो साथ तुम्हारे इन होठों के गीत गए। मैं हार गया तुम जीत गए। वहीं उनकी पुलिस वाली रचना बहुत साराही गई ।
टूंडला के हास्य कवि राम राहुल ने श्रोताओं को हंसाते हंसाते लोटपोट कर दिया।
  संचालक देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा - सबसे बड़ी दफा, रफा-दफा ।
और जहां कानून भी हो जाता है सफा ,
उसे कहते हैं दारुल सफा ।
एटा से पधारे वरिष्ठ कवि बलराम सरस ने पढ़ा- मांग का सिंदूर नथ श्रृंगार सारा जल गया, वीर की राखी पिता का प्यार सारा जल गया ।
जब दहेजी आग में बिटिया जली ससुराल में,
चीखती ममता रही  संसार सारा जल गया।
 वहीं प्रमोद विषधर  के हास्य व्यंग्य एवं डॉ दत्तात्रेय द्विवेदी के मधुर गीत को भी खूब सराहा गया ।
इस अवसर पर मेला अध्यक्ष सेठ ओम प्रकाश यादव , मेलाबाबू बाबूराम एवं उपस्थित सभासदों द्वारा कवियों का सम्मान शाल  व माला से किया गया ।
वहीं व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनोज गुप्ता एवं सचिव संजय गुप्ता द्वारा कवियों को स्मृति चिन्ह व पटका से सम्मानित किया।
 30 वर्ष से अनवरत हिंदी की सेवा करने हेतु हिंदी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल को ज्वेलर्स किशन वर्मा द्वारा जगदीश शर्मा व सेठ ओम प्रकाश यादव के साथ चांदी का मुकुट पहनकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर उपरोक्त के अलावा संजय सोनी , सतीश वर्मा , परमानंद सविता, ओम प्रकाश उपाध्याय, कवि अवशेष विमल , राज किशोर यादव व स्थानीय  कवि रामकुमार वार्ष्णेय व युवा कवि विनोद कुशवाहा , विष्णु वार्ष्णेय अमित भारद्वाज , अंकुर शर्मा काका जी सभासद, मुकुल भारद्वाज, तेजेंद्र सिंह, शिवेंद्र दीक्षित आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय है। कार्यक्रम की कवरेज स्वच्छ साहित्य यूट्यूब चैनल द्वारा की गयी।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow