सनातन धर्म सुरक्षा अधिनियम हो तैयार - ब्राह्मण सम्मेलन में सनातन से खिलवाड पर जताया गया आक्रोश - विप्रों का किया गया पटका व रेवतीरमण के छविचित्रों से सम्मान
हाथरस। "मुखिया मुख सो चाहिए खानपान को एक। पाले-पोषे सकल अग तुलसी कहत विवेक।" अर्थात जिस प्रकार मुख भोजन ग्रहण करने के बाद पूरे शरीर का पालन करता है। ठीक उसी प्रकार ब्राह्मण भी सर्व समाज के उत्थान के लिए प्रयासरत रहता है।
यह उद्गार मेला श्री दाऊ जी महाराज स्थित ब्राह्मण शिविर में संपन्न हुए ब्राह्मण सम्मेलन में वक्ताओं ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि विकृत होती राजनीति और बढ़ती स्वर्थलोलुपता ने हमारे यहां स्थापित उच्चकोटि की वर्ण व्यवस्था को बिखराव की ओर ढकेला है। ब्राह्मण है तो सनातन है सनातन है तो यह संसार है, लेकिन सत्ता की सुर्खियों में रहने के लिए कुछ नेता अभिनेताओं की तरह धार्मिक ग्रंथों सम्मान को भी बक्ख रहे। जो अपने आगे स्वामी लगाते हैं और मौर्य वंश से अपनी तुलना करते हैं। ऐसे कुबुद्धियों से सवधान रहते हुए सनातन के सत को बचाये रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर खासतौर से वरिष्ठ पत्रकार व अधिवक्ता संजय केशव दीक्षित ने 'सनातन धर्म सुरक्षा अधिनियम' बनाए जाने की मांग केंद्र व प्रदेश सरकार से की। इस अवसर पर उपस्थित सभी विप्र वंधुओं को डुपट्टा व रेवतीरमण के छविचित्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन योगेंद्र कुमार योगा पंडित ने किया।
कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में श्रीमती सीमा उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष, श्रीमती पूनम पांडे, ब्लॉक प्रमुख हाथरस, गणेश चंद वशिष्ठ जी मेंडू वाले, ब्रजक्रांति के संपादक अशोक रावत, रामेश्वर उपाध्याय, ब्लॉक प्रमुख मुरसान ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष उमेश शर्मा आदि मौजूद थे।
जबकि समाज के अन्य लोगों में शिविर अध्यक्ष विशाल सारस्वत, संयोजक कुलदीप लवानिया, रामेश्वर सारस्वत, अभिषेक शर्मा, करण शर्मा,, अरुण उपाध्याय, गौरव शर्मा, ब्रजेश पाठक, आशीष शर्मा उर्फ छोटू पंडित, जयदीप अग्निहोत्री, राकेश शर्मा, धौरपुर से श्याम सुंदर शर्मा, नितिन उपाध्याय आदि लोग उपस्थित थे।
What's Your Reaction?