सत्ताधारी और विपक्षी दलों ने विधानसभा में केंद्र पर साधा निशाना, कहा- पुनर्वास के लिए नहीं मिला पैसा 

कांग्रेस विधायक टी. सिद्दीकी ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांवों का दौरा किया था। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना। इसके बाद उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र राज्य के पुनर्वास प्रयासों में मदद करेगा। लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे के महीनों बाद भी केंद्र ने वायनाड में पुनर्वास के लिए एक पैसा भी नहीं दिया है।

Oct 14, 2024 - 19:00
 0  405
सत्ताधारी और विपक्षी दलों ने विधानसभा में केंद्र पर साधा निशाना, कहा- पुनर्वास के लिए नहीं मिला पैसा 

तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल विधानसभा में सोमवार को भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान राज्य के सत्ताधारी और विपक्षी दलों ने पीड़ितों को पुनर्वास के लिए वित्तीय मदद नहीं देने पर केंद्र सरकार की आलोचना की। कुछ महीने पहले वायनाड समेत राज्य के कई हिस्से भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए थे। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वायनाड का दौरा किया था। 

माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने मिलकर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। यूडीएफ ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि मोदी केवल फोटो खिंचवाने के लिए प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हैं। वहीं एलडीएफ ने कहा कि संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्राकृतिक आपदाओं के समय पुनर्वास के लिए वित्तीय मदद देना केंद्र की नैतिक जिम्मेदारी है। 

कांग्रेस विधायक टी. सिद्दीकी ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांवों का दौरा कर चुके हैं। वहां उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना। इसके बाद उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया था कि केंद्र राज्य के पुनर्वास प्रयासों में मदद करेगा। लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे के महीनों बाद भी केंद्र ने वायनाड में पुनर्वास के लिए एक पैसा भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि वायनाड में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन से करोड़ों का नुकसान हुआ है। 

सिद्दीकी ने कहा, "हमें पुनर्वास के लिए कम से कम 2000 करोड़ रुपये की जरूरत है। अब भूस्खलन पीड़ित यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ फोटो शूट के लिए वायनाड आए थे।" उन्होंने केंद्र की लापरवाही को "दुखद" बताया। सिद्दीकी ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार और उसके विभिन्न विभागों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि बारिश का सही अनुमान लगाया जा सके, पीड़ितों के कर्ज माफ किए जा सकें और पुनर्वास के लिए भूमि अधिग्रहण जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

पूर्व राज्य स्वास्थ्य मंत्री के शैलजा ने केंद्र पर वायनाड की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और बाहर एकजुट आंदोलन की जरूरत है। शैलजा ने कहा कि जब प्रधानमंत्री वायनाड आए और वहां प्रभावित लोगों से मिले तो लोगों को राहत महसूस हुई। उनके दौरे को मीडिया ने खूब कवरेज किया, लेकिन हमें क्या मिला? केंद्र ने वायनाड को अब तक एक पैसा भी नहीं दिया है। करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यह छोटा सा राज्य इन सभी खर्चों का सामना कैसे करेगा? 

उन्होंने यह भी कहा कि संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह प्राकृतिक आपदाओं के समय हर राज्य को सहायता प्रदान करे और पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करे। लेकिन केंद्र ने त्रासदी के बाद वायनाड को तत्काल राहत भी नहीं दी है। 30 जुलाई को वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में विनाशकारी भूस्खलन हुआ था, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हुए थे।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.