संसद में भारी हंगामा; राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार है। लोकसभा में पहले अदाणी, संभल जैसे मुद्दे और फिर भाजपा के राहुल गांधी पर गंभीर आरोपों को लेकर हंगामा हुआ। ऐसे ही राज्यसभा की कार्यवाही नोटों की गड्डी मिलने को लेकर हंगामेदार रही। आज भी दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ।
नई दिल्ली (आरएनआई) सदन में भारी हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। पहले राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक स्थगित की गई थी, लेकिन अब इसे लेकर तक के लिए ही स्थगित कर दिया गया है।
भारी हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सभापति धनखड़ ने सदन के नेता और विपक्ष के नेता को अपने चैंबर में बुलाया, ताकि इस गतिरोध का समाधान निकाला सके। इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही भी तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उन्होंने हंगामा कर रहे सत्ता पक्ष के सदस्यों से इस प्रस्ताव की अवहेलना करने का आरोप लगाया। इस पर सभापति ने कहा कि उन्हें यह बात उस समय क्यों नहीं याद आई जब उनकी नजरों के सामने सत्र के पहले सप्ताह हंगामा होता रहा और कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि अक्सर हंगामा करने और आसन के सामने आ जाने वाले संजय सिंह की ओर से ऐसी बातें शोभा नहीं देती।
भाजपा के लक्ष्मीकांत बाजपेयी को शून्यकाल में बोलने का मौका दिया गया और उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बोलना आरंभ किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब सभापति ने नियम 267 के तहत नोटिस खारिज कर दिए हैं तो उसमें उल्लिखित मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत गलत हो रहा है। आप सभापति हैं। आप सदन के रक्षक हैं। कृपया आप पक्षकार मत बनिए। इस दौरान आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने सदन चलने देने का आग्रह करते हुए कि पिछले दिनों नेता सदन ने प्रस्ताव दिया था कि किसी भी सूरत में शून्यकाल और प्रश्नकाल बाधित बाधित नहीं होना चाहिए और इस पर सभी ने सहमति भी जताई।
राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने कहा कि उन्हें भाजपा के सदस्यों ने सुबह ही कह दिया था कि आज सदन में जाने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि वह सदन को नहीं चलने देंगे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए सत्ताधारी दल के सदस्यों की ओर से जानबूझकर हंगामा किया जा रहा है।
कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने आसन से सवाल किया कि सत्ताधारी दल के सदस्यों को किस नियम के तहत बोलने की इजाजत दी रही है। उन्होंने कहा कि ये अपनी सारी बातें रख रहे हैं। इनके माइक भी खुले रहते हैं। इनके फोटो भी दिखाए जा (राज्यसभा टीवी पर) रहे हैं। यह बिल्कुल गलत है। शोरगुल और हल्ला नहीं दिखाया जाता है लेकिन इनका दिखाया जा रहा है।
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