'संसद के जरिए 'क्रीमी लेयर' फैसले को कर देना चाहिए था रद्द', केंद्र सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्रीमी लेयर की अवधारणा के आधार पर एससी और एसटी को आरक्षण से वंचित करने का विचार निंदनीय है। सरकार को इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निरस्त करने के लिए संसद में विधेयक लाना चाहिए था।

Aug 10, 2024 - 17:42
 0  513
'संसद के जरिए 'क्रीमी लेयर' फैसले को कर देना चाहिए था रद्द', केंद्र सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खरगे

नई दिल्ली (आरएनआई) आरक्षण के मुद्दे पर देश में जारी रार के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है। खरगे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, क्रीमी लेयर लाकर आप किसे लाभ पहुंचाना चाहते हैं? क्रीमी लेयर (अवधारणा) लाकर आप एक तरफ अछूतों को नकार रहे हैं और उन लोगों को दे रहे हैं जिन्होंने हजारों सालों से विशेषाधिकारों का आनंद लिया है। मैं इसकी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि सात न्यायाधीशों की तरफ से उठाया गया क्रीमी लेयर का मुद्दा दर्शाता है कि उन्होंने एससी और एसटी के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा है। 

इस महीने की शुरुआत में, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने 6:1 बहुमत के फैसले में फैसला सुनाया था कि राज्य सरकारों को अनुभवजन्य आंकड़ों के आधार पर एससी सूची के भीतर समुदायों को उप-वर्गीकृत करने की अनुमति है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के बीच भी क्रीमी लेयर की पहचान करने और उन्हें आरक्षण का लाभ देने से इनकार करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, जब तक छुआ-छूत रहेगी, तब तक आरक्षण होना चाहिए और रहेगा। हम इसके लिए लड़ेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर आरक्षण खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों का निजीकरण कर दिया है और बहुत सारी रिक्तियां हैं, लेकिन वे भर्ती नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, एससी और एसटी को नौकरी नहीं मिल पा रही है। कोई भी एससी उच्च-स्तरीय पदों पर नहीं है। वे एससी और एसटी को क्रीमी लेयर में वर्गीकृत करके दबाने की कोशिश कर रहे हैं।


खरगे ने कहा, मुझे न्यायालय का निर्णय आश्चर्यजनक लगा। जो लोग वास्तविक जीवन में अस्पृश्यता का सामना कर रहे हैं और उच्च पदों पर आसीन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग भेदभाव का सामना कर रहे हैं। अगर उनके पास पैसा है, तब भी उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, मैं अपील करना चाहूंगा कि सभी लोग एकजुट हों और सुनिश्चित करें कि इस निर्णय को मान्यता न मिले और यह मामला फिर से न उठाया जाए। उन्होंने कहा कि हम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा, मैंने पढ़ा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस पर हाथ नहीं डालेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्रीमी लेयर (अवधारणा) लागू न हो, उन्हें संसद में (एक कानून) लाना चाहिए था और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को निरस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार कुछ घंटों में विधेयक तैयार कर देती है और अब निर्णय आए लगभग 15 दिन हो चुके हैं।

Follow  RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.