संविधान में संशोधन करने का नहीं कोई प्रस्ताव : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
एनसीईआरटी द्वारा गठित एक समिति ने किताबों में 'INDIA' को बदलकर 'Bharat' करने की सिफारिश की थी। इसके बाद ही कई सवाल उठने लगे हैं। साथ ही सियासी हलचल भी बढ़ गई है।
तिरुवनंतपुरम, (आरएनआई) एनसीईआरटी की किताबों में अब इंडिया की जगह भारत का जिक्र होने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि एनसीईआरटी की एक कमेटी ने न सिर्फ इंडिया की जगह भारत लिखने की सिफारिश की है, बल्कि भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने की अनुशंसा की है। अब एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत होगा या नहीं इसे लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है। वहीं, मामला यह भी गर्मा रहा है कि किताबों में अगर नाम बदलेगा तो क्या संविधान में भी संशोधन किया जाएगा। अब इस मुद्दे पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि संविधान में दोनों शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
वास्तव में हमारा संविधान कहता है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि किसी ने भी संविधान में कोई संशोधन करने का प्रस्ताव नहीं दिया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, यानी एनसीईआरटी की किताबों में जल्द ही एक बदलाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, एनसीईआरटी द्वारा गठित एक समिति ने किताबों में 'INDIA' को बदलकर 'Bharat' करने की सिफारिश की थी। पैनल द्वारा पुस्तकों के अगले सेट में इंडिया के बजाय 'भारत' प्रिंट करने के प्रस्ताव को सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लेने पर किताबों में बदलाव देखने को मिल सकता है।
पैनल के सदस्यों में से एक सीआई इस्साक (CI Issac) के मुताबिक, यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था। प्रस्ताव के तहत पाठ्यपुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत नाम रखने, पाठ्यक्रम में प्राचीन इतिहास के बजाय शास्त्रीय इतिहास और हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियों को शामिल करने की सिफारिश की है। भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को भी शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
अगर प्रस्ताव स्वीकार होता है तो एनसीईआरटी की नई किताबों में 'इंडिया' की जगह 'भारत' मुद्रित किया जाएगा। हालांकि, एनसीईआरटी के अधिकारियों ने कहा कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
समिति के अन्य सदस्यों में आईसीएचआर के अध्यक्ष रघुवेंद्र तंवर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर वंदना मिश्रा, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वसंत शिंदे और हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में समाजशास्त्र पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं। समिति के अध्यक्ष सी आई इस्साक ने यह भी बताया कि एनसीईआरटी पैनल ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) को शामिल करने की सिफारिश की है।
अब एनसीईआरटी की किताबों का एक नया दस्ता जारी किया जाएगा। नई किताबों में बच्चे अब इंडिया नहीं, बल्कि भारत पढ़ेंगें। बता दें कि 'भारत' बनाम 'इंडिया' पर चर्चा की शुरुआत तब हुई जब केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण को "President of India" के बजाय "President of Bharat" के नाम से भेज दिया, जिससे राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। सितंबर में, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में जी20 लीडर्स शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब उनकी नेमप्लेट पर भी 'भारत' प्रदर्शित किया गया था।
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